Oxytocin in Milk: कहीं आप भी तो नहीं पी रहे ऑक्सीटोसिन वाला दूध? जानिए इसके नुकसान और पहचान का तरीका
कई लोग अपने दिन की शुरुआत दूध पीकर करते हैं लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसमें बड़े पैमाने पर ऑक्सीटोसिन वाले इंजेक्शन की मिलावट की जा रही है? जी हां हाल ही में दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने दिल्ली-एनसीआर की डेयरियों में ऑक्सीटोसिन के गलत इस्तेमाल को लेकर सख्त निर्देश दिए हैं। आइए आपको बताते हैं इसकी पहचान का तरीका और सेहत को होने वाले नुकसान।
HIGHLIGHTS
- डेयरी मालिक पशुओं में दूध का उत्पादन बढ़ाने के लिए ऑक्सीटोसिन के इंजेक्शन का इस्तेमाल करते हैं।
- इसका दुष्प्रभाव पशुओं के साथ-साथ इंसानों पर भी पड़ता है, ऐसे में दिल्ली हाईकोर्ट ने इसे लेकर चिंता जाहिर की है।
- दूध में मिलावट की पहचान के लिए आप कुछ टेस्ट करवा सकते हैं, साथ ही घर पर ही कुछ ट्रिक्स भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। Oxytocin in Milk: प्रोटीन, आयरन, कैल्शियम, मैग्नीशियम, जिंक, विटामिन बी 12 और विटामिन डी जैसे कई पोषक तत्वों से भरपूर दूध आपकी सेहत के लिए एक कंप्लीट फूड की तरह होता है। ऐसे में, अगर आपको पता लगे, कि जिस दूध को आप शुद्ध समझकर पी रहे हैं, उसमें ऑक्सीटोसिन की मिलावट है? आइए इस आर्टिकल में आपको बताते हैं इस इंजेक्शन वाले दूध से सेहत को किस तरह के नुकसान झेलने पड़ सकते हैं और किन तरीकों से आप दूध में मिलावट की पहचान कर सकते हैं। आइए जानें।
क्या है ऑक्सीटोसिन वाला दूध?
ऑक्सीटोसिन दिमाग में बनने वाला एक हैप्पी हार्मोन है, जो एक न्यूरोट्रांसमीटर के रूप में काम करता है, लेकिन आर्टिफिशियल तरीके से होने वाला इसका इस्तेमाल आपकी सेहत का दुश्मन भी बन सकता है। बता दें, पशुओं में दूध का उत्पादन बढ़ाने के लिए ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन का सहारा लिया जाता है, जिससे इस दूध को पीने वाले शख्स में हार्मोनल असंतुलन समेत कई समस्याएं पैदा होती हैं, साथ ही पशुओं पर भी इसके साइड इफेक्ट्स देखने को मिलते हैं।
गौरतलब है कि मार्च 2023 में दिल्ली हाईकोर्ट ने राजधानी की 9 डेयरी कॉलोनियों के निरीक्षण के लिए कोर्ट कमिश्नर का गठन किया था। ऐसे में, कोर्ट कमिश्नर ने ऑक्सीटोसिन के ‘बड़े पैमाने पर उपयोग’ को चिह्नित किया था। दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा, “चूंकि ऑक्सीटोसिन देना ‘पशु क्रूरता’ की श्रेणी में आता है। पशु क्रूरता निवारण अधिनियम, 1960 की धारा 12 के तहत एक संज्ञेय अपराध है, इसलिए यह अदालत औषधि नियंत्रण विभाग (जीएनसीटीडी) को साप्ताहिक निरीक्षण करने का निर्देश देती है।”
कितना खतरनाक है ऑक्सीटोसिन?
हार्मोनल असंतुलन : ऑक्सीटोसिन की मिलावट वाला दूध शरीर के हार्मोनल बैलेंस को खराब कर सकता है। ऐसे में आपको हार्मोनल उतार-चढ़ाव के कारण होने वाली समस्याओं का खतरा रहता है और आप चिड़चिड़ेपन, डिप्रेशन और तनाव से जूझ सकते हैं।
पेट से जुड़ी दिक्कतें : ऑक्सीटोसिन वाला दूध पीने से गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल यानी पेट से जुड़ी कई दिक्कतें पैदा हो सकती हैं, जैसे- दस्त, ऐंठन, शौच में खून आना, उल्टी या पेट दर्द आदि।
एलर्जी की समस्या : दूध में ऑक्सीटोसिन की मिलावट के कारण एलर्जी की समस्या भी देखने को मिलती है, ऐसे में आपको शरीर के किसी भी हिस्से में खुजली, सूजन, या सांस लेने में तकलीफ और सीने में भारीपन का एहसास हो सकता है।
इनफर्टिलिटी : ऑक्सीटोसिन से पुरुषों और महिलाओं में इनफर्टिलिटी की समस्या भी देखने को मिलती है। पाकिस्तान की पंजाब यूनिवर्सिटी के जर्नल ऑफ जूलॉजी में प्रकाशित एक शोध में बताया गया है कि इसकी ज्यादा मात्रा से मां और होने वाले बच्चे में भी विकार पैदा कर सकती है।
कैसे करें ऑक्सीटोसिन वाले दूध की पहचान?
दूध में ऑक्सीटोसिन की मात्रा का पता लगाने के लिए ये टेस्ट करवाए जा सकते हैं-
- एंजाइम-लिंक्ड इम्युनोसॉरबेंट एसेज (ELISA)
- हाई-परफॉर्मेंस लिक्विड क्रोमैटोग्राफी (HPLC)
- लिक्विड क्रोमैटोग्राफी टेंडेम मास स्पेक्ट्रोमेट्री ((LC-MS/MS)
- हाई-परफॉर्मेंस थिन-लेयर क्रोमैटोग्राफी (HPTLC)
- रेडियोइम्यूनोएसे (RIA)
घर पर कैसे करें दूध में मिलावट की पहचान?
रंग से पहचानें : असली दूध को उबालने या स्टोर करने पर इसका रंग नहीं बदलता है। अगर दूध नकली होता है, तो ये उबालने या स्टोर करने के बाद सफेद से पीले रंग का हो जाता है।
स्वाद से पहचानें : असली दूध के स्वाद में हमेशा मीठापन होता है, जबकि दूध में मिलावट होने पर यह नमकीन टेस्ट करता है। इस तरह भी आप इसकी शुद्धता को पहचान सकते हैं।
डिटर्जेंट की मिलावट : दूध में डिटर्जेंट की मिलावट है या नहीं, इसे पहचानने के लिए 5-10 एमएल दूध को एक टेस्ट-ट्यूब में डाल लें, और जोर-जोर से हिलाएं, अगर यह नकली होगा तो इसमें बनने वाले झाग देर तक ऐसे ही बने रहेंगे।
चिकनाहट : मिलावटी दूध को हाथों के बीच रगड़ने पर साबुन जैसी चिकनाहट महसूस होती है, लेकिन अगर दूध में मिलावट नहीं है तो इसे रगड़ने पर कोई भी चिकनाहट महसूस नहीं होगी।