Lok Sabha Election 2024: लद्दाख और बारामूला सीट पर मतदान कल, करीब 19 लाख मतदाता तय करेंगे प्रत्याशियों का भाग्य,

लद्दाख की एक लोकसभा सीट (Ladakh Lok Sabha Chunav 2024) और जम्मू-कश्मीर की बारामूला सीट (Baramulla Loksabha Seat) के मतदान के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई है। इन दोनों लोकसभा सीटों पर मतदाता बढ़चढ़ कर अपने संसदीय क्षेत्र के लिए मतदान करेंगे। पांचवें चरण में लद्दाख और बारामूला लोकसभा सीट के लिए कल मतदान किया जाएगा। लद्दाख लोकसभा क्षेत्र में 1,84,803 मतदाता हैं। जबकि बारामूला में 17 लाख से अधिक मतदाता हैं।

(Jammu and Kashmir Chunav 2024) लद्दाख और बारामूला संसदीय सीट (Ladakh Lok Sabha Seat) पर 20 मई को चुनाव होने वाले हैं। लद्दाख में भाजपा के ताशी ग्यालसन, कांग्रेस के सेरिंग नामग्याल और निर्दलीय हाजी हनीफा जान में त्रिकोणीय मुकाबला है। इस लोकसभा क्षेत्र में 1,84,803 मतदाता हैं। इसके लिए पूरी संसदीय सीट में 577 मतदान केंद्र बनाए गए हैं।

वहीं, श्रीनगर सीट की तरह बारामूला लोकसभा क्षेत्र (Baramulla Lok Sabha Chunav 2024) के लिए भी रिकॉर्ड वोटिंग के दरवाजे खुले हैं। बारामूला लोकसभा क्षेत्र में 17 लाख से अधिक मतदाता हैं। इस लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत बड़गाम, बारामूला, कुपवाड़ा और बांडीपोरा जिले आते हैं। इस सीट पर मतदान के लिए 2103 मतदान केंद्र बनाए गए हैं। इनमें शहरी क्षेत्रों में 244 और ग्रामीण क्षेत्र में 1,859 मतदान केंद्र हैं।

विशेष मतदान केंद्रों पर कर सकेंगे मतदान

जम्मू लोकसभा चुनाव के पांचवें चरण में बारामुला सीट के लिए 25821 कश्मीरी हिंदू मतदाता यहां बनाए गए विशेष मतदान केंद्रों से मतदान कर सकेंगे। इसमें 12747 पुरुष मतदाता व 13074 महिला मतदाता हैं। मतदान सोमवार को होगा और इसके लिए प्रशासन ने जम्मू व ऊधमपुर में कुल 23 विशेष मतदान केंद्र स्थापित किए हैं। इसके अलावा 4 मतदान केंद्र दिल्ली में भी बनाए गए हैं।

जिले में 75 मतदान केंद्रों में होगा महिला पोलिंग स्टाफ

केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के लेह जिले में संसदीय चुनाव में उम्मीदवारों का भाग्य तय करने में महिलाएं आगे रहेंगी। जिले में पुरुष मतदाताओं के मुकाबले महिला मतदाताओं की संख्या अधिक है। जिले में लद्दाखी महिलाए वोट डालने के साथ मतदान की प्रक्रिया को कामयाब बनाने में भी अहम भूमिका निभाने जा रही हैं।

आरोप-प्रत्यारोप का चला दौर

बारामुला संसदीय निर्वाचन क्षेत्र में चुनाव प्रचार अभियान के दौरान उमर अब्दुल्ला और सज्जाद गनी लोन के बीच काफी तल्ख बयानबाजी भी देखने को मिली। दोनों ने एक-दूसरे पर भाजपा का एंजेंट होने के आरोप लगाए।

उमर ने इस दौरान अनुच्छेद 370 की बहाली का राग अलापा और जेलों में बंद कश्मीरी युवाओं की रिहाई का यकीन दिलाकर मतदाताओं को अपने साथ जोड़ते नजर आए।

इंजीनियर रशीद और लोन का यह दूसरा संसदीय चुनाव

 टेरर फंडिंग के आरोपित इंजीनियर रशीद और पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के चेयरमैन सज्जाद गनी लोन भी इसी सीट पर अपना भाग्य आजमा रहे हैं। इंजीनियर रशीद और लोन का यह दूसरा संसदीय चुनाव है। वर्ष 2019 में इंजीनियर रशीद ने इसी सीट पर 1.02 लाख वोट लिए थे, जबकि सज्जाद गनी लोन ने पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के टिकट पर राजा एजाज अली को मैदान में उतारा था। उन्होंने लगभग 1.03 लाख वोट लिए थे।

अनुच्छेद 370 और जेलों में बंद कश्मीरी युवाओं की रिहाई मुद्दा रहा अहम

सभी उम्मीदवारों के चुनाव प्रचार में अनुच्छेद 370 और जेलों में बंद कश्मीरी युवाओं की रिहाई मुख्य मुद्दा रहा। श्रीनगर और अनंतनाग संसदीय क्षेत्र भी जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक परिवेश के मुताबिक बहुत महत्व रखते हैं, लेकिन नेकां के उपाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के चुनाव लड़ने के कारण बारामुला सीट पहली बार पूरे देश में सभी के लिए दिलचस्पी का केंद्र बनी हुई है।

उमर अब्दुल्ला के भाग्य का होगा फैसला, कितनी कठिन चुनौती?

चार जिलों के 18 विधानसभा क्षेत्रों में फैले संसदीय क्षेत्र में भाग्य आजमा रहे 23 उम्मीदवारों में से मुख्य मुकाबला नेशनल कान्फ्रेंस के उमर अब्दुल्ला, पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के सज्जाद गनी लोन, निर्दलीय इंजीनियर रशीद और पीडीपी के मीर मोहम्मद फैयाज के बीच है। क्षेत्र में 20 दिन में करीब 50 रैलियां हुई।

बारामूला संसदीय क्षेत्र में पोलिंग पार्टियां रवाना.पीटीआई.