एसी से निकलकर सीधे धूप में जाने से क्या होता है? जानिए एकदम बॉडी टेंपरेचर में बदलाव होने के दुष्प्रभाव,
एसी से सीधे धूप में जाना सेहत के लिए जोखिमभरा हो सकता है. यह शरीर के तापमान संतुलन को प्रभावित कर सकता है और कई स्वास्थ्य समस्याओं को जन्म दे सकता है. यहां जानिए कैसे…?
Hypothermia: गर्मियों का मौसम अपने साथ तपिश और चिलचिलाती धूप लेकर आता है. इस समय एयर कंडीशनर (एसी) का प्रयोग बढ़ जाता है, जो गर्मी से राहत दिलाने में बड़ी भूमिका निभाता है. गर्मी के मौसम में एयर कंडीशनर (एसी) का प्रयोग करना आजकल बहुत सामान्य हो गया है. चाहे घर हो, ऑफिस हो या गाड़ी, एसी का इस्तेमाल हर जगह होता है, लेकिन क्या एसी से निकलकर सीधे धूप में जाना सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है. इससे अचानक तापमान में बदलाव होता है, जो शरीर पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है. यहां हम जानेंगे कि ऐसी से निकलकर सीधे धूप में जाने से क्यों बचना चाहिए और इसके क्या दुष्परिणाम हो सकते हैं.
तापमान का अचानक बदलाव:
जब हम एसी में होते हैं, तो हमारे शरीर का तापमान ठंडा हो जाता है. एसी के कमरे का तापमान सामान्यतः 18 से 24 डिग्री सेल्सियस के बीच होता है. वहीं, बाहरी तापमान 40 से 45 डिग्री सेल्सियस तक हो सकता है. इस प्रकार शरीर को अचानक एक बड़े तापमान अंतर का सामना करना पड़ता है, जो शरीर के टेंपरेचर रेगुलेशन सिस्टम को प्रभावित करता है.
स्वास्थ्य पर क्या प्रभाव पड़ता है?
1. शॉक का खतरा: तापमान में अचानक बदलाव से शरीर में शॉक की स्थिति पैदा हो सकती है. इससे चक्कर आना, बेहोशी या हार्ट अटैक जैसी गंभीर स्थितियां पैदा हो सकती हैं.
2. सिरदर्द और माइग्रेन: एसी से निकलकर सीधे धूप में जाने से सिरदर्द और माइग्रेन की समस्या बढ़ सकती है. तापमान का अचानक बदलाव न्यूरोलॉजिकल प्रभाव डाल सकता है.
3. श्वसन समस्याएं: एसी में रहकर अचानक गर्म हवा में जाने से श्वसन तंत्र प्रभावित हो सकता है. इससे सांस लेने में तकलीफ, खांसी और अस्थमा के अटैक की संभावना बढ़ जाती है.
4. त्वचा पर प्रभाव: एसी में रहने से त्वचा की नमी कम हो जाती है. सीधे धूप में जाने से त्वचा जल सकती है और सनबर्न हो सकता है.पीटीआई.