जेल में थे चंद्रबाबू नायडू, नारा लोकेश पर था संकट, संभाला मोर्चा, मिलिए TDP की जीत के अहम किरदार ब्राह्मणी से,
तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) के अध्यक्ष एन चंद्रबाबू नायडू 12 जून को विजयवाड़ा में आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। 74 वर्षीय नायडू चौथी बार मुख्यमंत्री बन रहे हैं। टीडीपी-जन सेना-बीजेपी गठबंधन ने 175 सदस्यीय विधानसभा में 164 सीटें जीतकर शानदार जीत दर्ज की। साथ ही इसने 25 लोकसभा सीटों में से 21 पर भी जीत दर्ज की। अकेले टीडीपी ने 135 विधानसभा और 16 लोकसभा सीटें जीती। चंद्रबाबू नायडू की जीत न सिर्फ विधानसभा चुनाव में हुई है बल्कि लोकसभा सीट में भी उन्हें अच्छी बढ़त भी मिली। चंद्रबाबू नायडू की जीत का श्रेय उनकी मेहनत और उनके बेटे नारा लोकेश को जा रहा है। इस बीच एक ऐसा नाम है, जो पर्दे के पीछे है। चंद्रबाबू नायडू की जीत में अगर किसी ने अहम रोल निभाया तो वह है नारा लोकेश के पत्नी ब्राह्मणी का। ब्राह्मणी नारा उस समय कमर कसकर मैदान में आईं, जब उनके ससुर जेल में थे और पति पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही थी।
चंद्रबाबू नायडू पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा। तत्कालीन जगन मोहन रेड्डी सरकार ने उन्हें जेल में डाल दिया। चंद्रबाबू नायडू के जेल जाते ही आने वाले चुनाव पर बुरा असर पड़ता नजर आया। नारा लोकेश ने कमान संभाली और आक्रामक हो गए। उनके ऊपर भी गिरफ्तारी की तलवार लटकने लगी। एफआईआर दर्ज की गई।
चंद्रबाबू नायडू के परिवार पर बड़ी विपत्ति आई। परिवार की साख बचाने को मैदान में ब्राह्मणी उतरीं। अकेले ही पार्टी नेताओं के साथ मिलकर ब्राह्मणी ने मोर्चा संभाला। अपने बेटे को घर पर छोड़कर वह सुबह निकल पड़तीं और देर रात घर पहुंचतीं। इस दौरान पैदाल मार्च, रोडशो, जनसंपर्क और अन्य आयोजनों में ब्राह्मणी ने ही हिस्सा लिया।
नारा ब्राह्मणी जगन मोहन सरकार के खिलाफ धरने पर भी बैठीं। अनोखे-अनोखे प्रदर्शन किए। खूब नारेबाजी की और सरकार को सामने से चेतावनी दी। वह लगातार पार्टी का काम संभालती रहीं। खास बात यह है कि पहली बार था जब ब्राह्मणी राजनीति में उतरीं। उससे पहले उनका राजनीति से कुछ लेनादेना नहीं था। फिल्मी परिवार में जन्मी ब्राह्मणी नायडू परिवार का बिजनस संभालती हैं लेकिन उन्होंने ससुर और पति की अनुपस्थिति में जिस तरह राजनीतिक बागडोर संभाली, हर किसी ने उनकी तारीफ की।
ब्राह्मणी जिस तरह प्रचार में उतरीं, उनका हर कोई कायल हो गया। उनकी हर तरफ तारीफ होने लगी। वह पैदल चलतीं, भूख लगती तो पार्टी नेताओं के साथ स्ट्रीट फूड खातीं। खेतों में जाकर किसानों से बात करने से लेकर सड़क के किनारे छोटी दुकान चलाने वालों से भी मिलीं। ब्राह्मणी हर एक कार्यक्रम में शामिल हूं। वह रात में 2 या 3 घंटे भी बमुश्किल सोती थीं। सुबह तड़के उनका अभियान शुरू होता और आधी रात तक चलता। रात को प्रचार खत्म होने के बाद दूसरे दिन की रणनीति बनती।
आंध्र प्रदेश कौशल विकास मामले में उनकी कथित संलिप्तता के आरोप में 9 सितंबर 2023 को चंद्रबाबू नायडू को में डाला गया। राजमुंदरी केंद्रीय जेल में उन्होंने 53 दिन बिताए। आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट ने 31 अक्टूबर को चंद्राबाबू को अस्थायी जमानत दी। जिसके बाद वह बाहर आए। ब्राह्मणी के पति भी जेल से छूटे।
पति और ससुर बाहर आए तो उन्होंने ब्राह्मणी के काम को देखकर जिम्मेदारियां दीं। तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) के राष्ट्रीय महासचिव नारा लोकेश की पत्नी नारा ब्राह्मणी को मंगलगिरी में तैनात किया गया। उन्होंने अपने पति नारा लोकेश की ओर से मतदाताओं के साथ उनके मुद्दों के बारे में जाना। ब्राह्मणी ने विभिन्न सामुदायिक समूहों से मुलाकात की और सोशल मीडिया के माध्यम से अपडेट लगातार शेयर किए।
ब्राह्मणी भले ही राजनीति में नई रही हों लेकिन उन्होंने इतनी बखूबी से चुनाव की कमान संभाली कि हर कोई हैरान था। उन्होंने अपने ससुर का जन्मदिन भी जनता के बीच मनाया। उन्होंने मंगलगिरी में आम लोगों के साथ केक काटा और लोगों को एहसास कराया कि वह आम जनता के साथ हैं।
लोकेश को 2019 के चुनाव में मंगलगिरी से हार का सामना करना पड़ा था। वह वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के आल्ला रामकृष्ण रेड्डी से 5,337 मतों से हार गए थे। इस बार उनका सीधा मुकाबला वाईएसआरसीपी के मुरुगुडु लावण्या से था। नारा लोकेश ने अपनी पत्नी को क्षेत्र की कमान दी और उन्होंने पति की जीत की पटकथा लिखी।
ब्राह्मणी, चंद्रबाबू नायडू के साले और टॉलीवुड अभिनेता एन. बालकृष्ण की बेटी हैं। एन बालाकृष्ण के पिता एनटी रामा राव ने ही टीडीपी की स्थापना की थी। ब्राह्मणी की सास उनकी बुआ भी लगती हैं। ब्राह्मणी और नारा लोकेश की शादी 2007 में हुई थी। दोनों को एक बेटा देवांश है। शादी से पहले ब्राह्मणी सिंगापुर की एक कैपिटल वेंचर फर्म में काम करती थीं। फिलहाल वह नायडू परिवार के बिजनस हेरिटेज फुड्स को संभालती हैं। उन्होंने स्टैंडफोर्ड बिजनेस स्कूल से एमबीए किया है.पीटीआई.