श्रीलंका: बौद्ध प्रदर्शनकारियों का रोहिंग्या मुसलमानों पर हमला, UN दफ्तर से भागने को मजबूर

श्रीलंका की राजधानी कोलंबो में में रोहिंग्या मुस्लिम शरणार्थियों पर हमला हुआ है। श्रीलंका के बौद्ध भिक्षुओं और कट्टर और राष्ट्रवादियों ने श्रीलंका में शरण लेने आए रोहिंग्या शरणार्थियों पर हमला कर दिया। इन रोहिंग्या शरणार्थियों की संख्या 31 है। श्रीलंका की पुलिस ने अप्रैल में इन रोहिंग्या मुसलमानों को दो भारतीयों के साथ एक  नौका से देश की समुद्री सीमा में गिरफ्तार किया था। पुलिस प्रवक्ता रुवान गुनशेकरा ने समाचार एजेंसी रायटर को बताया कि गिरफ्तारी के बाद इन्हें कस्टडी में ले लिया गया था इसके बाद कोलंबो के बाद एक कैदी गृह में ये ठहरे हुए थे। श्रीलंका के एक कट्टरपंथी समूह सिंघला जातिका बालामुलुवा ने अपने फेसबुक लाइव में टेलिकास्ट में इन रोहिंग्या मुसलमानों पर हमले की तस्वीरें दिखाई और कहा कि आतंकवादियों को श्रीलंका में शरण नहीं मिलना चाहिए। प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व करने वाले बौद्ध भिक्षु अकमीमना दयारत्ने ने कहा, ‘ये रोहिंग्या आतंकियों का ग्रुप है, इन्होंने म्यांमार में हमारे बौद्ध भिक्षुओं की हत्या की है ।’

रोहिंग्या शरणार्थियों का ये समूह 2012 में म्यांमार से भागकर भारत पहुंचा था। पांच साल तक भारत में रहने के बाद ये लोग अवैध रूप से श्रीलंका पहुंचे थे। इन रोहिंग्या मुसलमानों का केस देख रहे एक वकील ने रायटर को बताया कि एक स्थानीय अदालत ने इन लोगों को संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (UNHRC) को सौंप दिया। इसके बाद ये रोहिंग्या मुस्लिम UNHRC के सुरक्षित ठिकाने में ही रह थे। तभी मंगलवार (26 सिंतबर) को इन पर हमला हुआ। बता दें कि श्रीलंका में भी रोहिंग्या मुसलमानों का लंबे समय से विरोध हो रहा है। श्रीलंका के कुछ समूह इन्हें शरण देने के सख्त खिलाफ हैं।

बता दें कि साल 2012 से बौद्ध बहुल म्यांमार से लाखों रोहिंग्या मुसलमानों का पलायन हो चुका है। इस बार मुस्लिम अल्पसंख्यक रोहिग्याओं का पलायन 25 अगस्त से शुरू हुआ था। कई सरकारी चौकियों पर रोहिंग्या विद्रोहियों ने हमला कर दिया था जिसके बाद म्यांमार सेना ने क्षेत्र में एक आक्रामक अभियान शुरू किया। इस बार अबतक लगभग साढ़े चार लाख रोहिंग्या बांग्लादेश पहुंच चुके हैं। संयुक्त राष्ट्र ने गुरुवार को शरणार्थियों की संख्या लगभग 429,000 बताई थी। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि अब शरणार्थियों के काफी छोटे समूह ही बांग्लादेश के दक्षिण-पूर्व जिले कॉक्स बाजार में आ रहे हैं, जहां पर अधिकांश रोहिंग्यां भाग कर आए हैं।दस्तावेजों के अनुसार, अस्थायी बस्तियों में रहने वाले शरणार्थियों की संख्या 200,000 के आसपास है, जबकि लगभग 148,000 रोहिग्या पहले से बने शरणार्थी शिविरों में शरण लिए हुए हैं और 88,000 मेजबान समुदायों के साथ रह रहे हैं।

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