पद से हटाए जाने पर भड़के पूर्व बिहार कांग्रेस प्रमुख, कहा – जिस तरह बेइज्जत कर निकाला गया, वो डिजर्व नहीं करते
बिहार प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष अशोक चौधरी ने पद से हटाए जाने के फैसले को अपना “अपमान” बताया है। अशोक चौधरी ने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा, “…जिस तरह हमें अपमानित करके निकाला गया हम वो डिजर्व नहीं करते।” चौधरी ने आगे कहा, “अभी हमारा पार्टी छोड़ने का कोई इरादा नहीं है लेकिन ये भी मंजूर नहीं है।” कांग्रेस ने मंगलवार (26 सितंबर) पार्टी की बिहार इकाई के प्रमुख अशोक चौधरी को उनके पद से तुरंत प्रभाव से हटा दिया। कांग्रेस ने उनकी जगह किसी अन्य नेता को अभी यह जिम्मेदारी नहीं दी है। एआईसीसी महासचिव जनार्दन द्विवेदी ने बताया था, ‘‘कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने अशोक चौधरी को बिहार प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से तुरंत प्रभाव से हटा दिया है।’’ कांग्रेस पार्टी की ओर से यह कदम इन खबरों के बीच आया है कि पार्टी की राज्य इकाई में दो फाड़ हो सकता है जिसमें से एक धड़े की अगुवाई चौधरी कर सकते हैं।
चौधरी ने हाल में आरोप लगाया था कि एक वर्ग पार्टी की बिहार इकाई में बगावत को हवा देने के लिए उनका नाम लेकर उनकी छवि खराब कर रहा है। बिहार की 243 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस के 27 विधायक हैं। बिहार में जदयू के महागठबंधन से हटने के बाद इस बात को लेकर आशंकाएं थीं कि उसके कुछ विधायक जदयू में शामिल हो सकते हैं। हालांकि कांग्रेस ने दावा किया था कि उसने स्थिति पर नियंत्रण कर लिया है। पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने पिछले माह 20 से अधिक विधायकों से मुलाकात कर पार्टी के कामकाज के बारे में उनकी अलग अलग राय जानी थी। पार्टी सूत्रों के अनुसार राहुल ने कांग्रेस विधायकों को बुलाकर इसलिए बातचीत की थी ताकि पार्टी की राज्य इकाई में विभाजन को टाला जा सके।