हिंडनबर्ग केस SEBI के लिए सबक, साजिश करने वालों पर जल्द होना चाहिए एक्शन: महेश जेठमलानी,
महेश जेठमलानी ने कहा कि हिंडनबर्ग केस SEBI के लिए सबक है. पूरा मामला सामने आने के बाद सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) को अब एक्शन लेना चाहिए. जेठमलानी ने कहा कि वो हिंडनबर्ग मामले के मुख्य किरदारों को लेकर जल्द ही SEBI को लेटर लिखेंगे.
अमेरिकी शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग (Hindenburg) के मामले में एक के बाद एक नए खुलासे हो रहे हैं. जाने-माने वकील और राज्यसभा सदस्य महेश जेठमलानी (Mahesh Jethmalani) ने पहले अमेरिकी कारोबारी मार्क किंगडन और हिंडनबर्ग की पोल खोली. राज्यसभा सांसद महेश जेठमलानी ने गुरुवार को एक पोस्ट में बताया कि किस तरह अदाणी ग्रुप समूह के खिलाफ हिंडनबर्ग की साजिश का एक चीनी कनेक्शन भी है. शुक्रवार को इस सिलसिले में उन्होंने दूसरा पोस्ट कर वो सबूत पेश किया है, जिसके आधार पर इस चीनी कनेक्शन की बात हो रही है.
जेठमलानी ने दावा किया कि चीनी जासूस आनला चेंग (Anla Cheng) और उनके पति मार्क किंगडन (Mark Kingdon) ने अदाणी ग्रुप के खिलाफ रिपोर्ट तैयार करने के लिए हिंडनबर्ग को हायर किया था. इस पूरे मामले पर NDTV ने सीनियर वकील महेश जेठमलानी से बात की है. जेठमलानी ने कहा कि हिंडनबर्ग केस SEBI के लिए सबक है. पूरा मामला सामने आने के बाद सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) को अब एक्शन लेना चाहिए. जेठमलानी ने कहा कि वो हिंडनबर्ग मामले के मुख्य किरदारों को लेकर जल्द ही SEBI को लेटर लिखेंगे.
SEBI को लिखूंगा लेटर
महेश जेठमलानी ने कहा, “मैंने अपने ट्वीट में बताया है कि SEBI को किस दिशा में अपनी जांच जारी रखनी चाहिए. मैंने अपने ट्वीट में कई सवाल भी उठाए हैं. जल्द सोशल मीडिया पर और खुलासे करने वाला हूं. इस मामले के मुख्य किरदारों यानी कोटक और कुछ राजनेता भी हैं. मैं खुद इस मामले में SEBI को लेटर लिखने वाला हूं.”
जेठमलानी ने कहा, “ऐसी कंपनियों के खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाना चाहिए. SEBI की जांच खत्म होने के बाद फैसला लिया जा सकता है. जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती, तब तक ये कहना जल्दबादी होगी कि ऐसी कंपनियों के खिलाफ क्या एक्शन लिया जाना चाहिए.”
हिंडनबर्ग मामले में भारतीय शेयर बाज़ार के लिए क्या है सबक?
महेश जेठमलानी कहते हैं, “इस मामले में भारतीय निवेशकों के लिए कोई सबक नहीं है. लेकिन SEBI के लिए सबक है. उसे इस मामले की जांच जल्दी करनी चाहिए थी. सुप्रीम कोर्ट में ऐसे मुद्दे पर इतना वक्त लेना शायद ठीक नहीं है. बहुत सी जनहित याचिकाएं कोर्ट में पेश की जाती हैं, जिनका मकसद राजनीतिक दुश्मनी होती है. ऐसे मामले आगे न हो, इस बारे में कदम उठाने की जरूरत है.”
रिटेल इंवेस्टर्स को करोड़ों का नुकसान
इस पूरे मामले में छोटे निवेशकों को कैसी चोट लगी? इस सवाल के जवाब में जेठमलानी कहते हैं, “हिंडनबर्ग मामले में छोटे निवेशकों को बहुत भारी चोट लगी है. रिटेल इंवेस्टर्स को करोड़ों का नुकसान हुआ है. जिसने भी ये गैर-जिम्मेदाराना काम किया है, उनलोगों ने इस बारे में सोचा ही नहीं, कि इसका रिटेल इंवेस्टर्स पर क्या असर पड़ेगा.”
आनला चेंग कौन हैं?
चीनी जासूस आनला चेंग सप चाइना की सीईओ भी रहीं, ये एक प्रो चाइना मीडिया इनिशिएटिव है. उन्होंने अपने पति और अमेरिकी कारोबारी मार्क किंगडन के साथ हिंडनबर्ग को अदाणी ग्रुप पर रिसर्च के लिए हायर किया था. अदाणी के शेयरों की शॉर्ट सेलिंग के लिए एक ट्रेडिंग अकाउंट मुहैया कराने को कोटक की सेवाएं ली गई थीं. इससे अदाणी के मार्केट कैप को बुरी तरह चोट पहुंचाई गई.
हिंडनबर्ग का चाइनीज़ कनेक्शन तो था ही, भारतीय मददगारों की भी जांच होनी चाहिए : महेश जेठमलानी
शैनॉन वान सेंट का एफिडेविट भी किया शेयर
महेश जेठमलानी ने कहा कि जो लोग आनला चेंग के बारे में जानना चाहते हैं, वो अमेरिकी कांग्रेस के सामने चेंग की कंपनी सप चाइना के एक पूर्व स्टाफ शैनॉन वान सेंट का हलफ़नामा पढ़ सकते हैं. जेठमलानी ने सेंट का बयान भी अपने पोस्ट में अटैच किया है.
शैनॉन वान सेंट का ये है बयान
इस बयान के मुताबिक, शैनॉन वान सेंट जाने-माने टीवी पत्रकार रहे. उन्हें अपने काम के लिए कई सम्मान भी मिले हैं. शैनॉन वान सेंट ने अपने हलफनामे में बताया कि उन्हें चीनी टीवी चैनल CCTV में काम करने के लिए बुलाया गया. उन्होंने पाया कि चीनी मीडिया सरकारी निर्देशों पर काम करता है. खबरों में सरकार के इशारे पर हेरफेर किया जाता है.
जेठमलानी ने उठाए ये सवाल
महेश जेठमलानी ने सवाल उठाया है कि किंगडन को किसने कोटक की इंटरनेशनल इंवेस्टमेंट ब्रांच कोटक महिंद्रा इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड (KMIL) से मिलवाया? जिन भारतीयों ने इस मामले में हिंडनबर्ग की मदद की, क्या वो इसके मकसद के बारे में जानते थे? क्या उन्हें इससे वित्तीय फायदा मिला? क्या KMILऔर उसके भारतीय सहयोगियों को पता था कि हिंडनबर्ग के पीछे चीनी कनेक्शन है?
अदाणी ग्रुप को क्यों टारगेट करता है चीन?
दरअसल, हाल के कई सौदों से चीन को नुकसान हुआ है. इसमें हाइफा पोर्ट का समझौत भी शामिल है. अदाणी ग्रुप ने श्रीलंका में जाफना के पास कोल प्रोजेक्ट की डील भी हासिल कर चीन को झटका दिया है. साथ ही ऑस्ट्रेलिया की गैलिली बेसिन में अदाणी ग्रुप ने अपने कोल प्रोजेक्ट के पास चीन के स्टोन प्रोजेक्ट को कुछ मुश्किल बना दिया है. अदाणी ग्रुप ने अपनी रेल लाइन निर्माण योजना को कुछ धीमा किया है, ताकि इसका फायदा चीनी प्लांट को न मिले. साफ है कि अपने नुकसान से तिलमिलाया चीन अदाणी ग्रुप को टारगेट कर रहा है. पीटीआई