नाचते-खेलते अटैक का कारण बनने वाली मांसपेशी का एल्कोहल से इलाज, जानिये क्या होती है दिक्कत?

नाचते-खेलते अटैक का करण बनने वाली हृदय की बीच बढ़ी मांसपेशी का एल्कोहल से इलाज होगा। हार्ट के दाएं और बाएं चैंबर के बीच मांस बढ़ा होने से भी अचानक हार्ट अटैक पड़ता है। यह हाईपर ट्रोफिक ऑब्स्ट्रटिक्टव कार्डियोमायोपैथी नाम की आनुवांशिक बीमारी है। 

डांस करते, खेलते और जिम में व्यायाम करते वक्त अचानक हार्ट अटैक पड़ने और मौत हो जाने की घटनाएं अक्सर सुनने में आ जाती हैं। ऐसा हाईपर ट्रोफिक ऑब्स्ट्रटिक्टव कार्डियोमायोपैथी नाम की आनुवांशिक बीमारी से भी होता है। इस बीमारी में दिल के बाएं और दाएं चैंबर के बीच के स्थान जिसे सैप्टम कहते हैं, वहां मांसपेशी बढ़ जाती है। 

इसके बढ़ने से हृदय में रक्त प्रवाह बाधित होता है, जिससे अटैक पड़ता है। इस रोग का इलाज कार्डियोलॉजी इंस्टीट्यूट में एल्कोहल सेप्टल एब्लेशन थेरैपी से किया जा रहा। इंस्टीट्यूट ने इस विधि से उत्तर भारत में सबसे अधिक रोगियों का इलाज किया है।

अमूमन हाईपर ट्रोफिक ऑब्स्ट्रटिक्टव कार्डियोमायोपैथी के रोगी को अपनी बीमारी पता नहीं होती। सामान्य तौर पर कोई लक्षण भी नहीं आता है। रोगी को अचानक अटैक उस वक्त पड़ता है, जब वह शारीरिक मेहनत अधिक करता है और हृदय में अधिक रक्त प्रवाह की जरूरत पड़ती है। बढ़ी मांसपेशी से रक्त प्रवाह बाधित हो जाता है। कार्डियोलॉजी में ऐसे 60 रोगियों का इलाज और उनके केस का अध्ययन किया गया है।

जिन रोगियों पर अध्ययन, उनके परिवार में मिली अचानक अटैक की हिस्ट्री
रोगियों का अध्ययन करने वाले सीनियर कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. अवधेश कुमार शर्मा ने बताया कि यह आनुवांशिक बीमारी है। एक से दूसरी पीढ़ी में जाती है। जिन रोगियों का अध्ययन किया गया, उनके परिवार में भी अचानक हार्ट अटैक और मौत की हिस्ट्री मिली है। 

डॉ. शर्मा ने बताया कि ऐसे में यह निष्कर्ष निकला कि जिन लोगों के परिवार में अचानक हार्ट अटैक की हिस्ट्री है, वे एक बार ईको जांच करा लें। इस जांच में सैप्टम में बढ़ी हुई मांसपेशी पता चल जाता है। एल्कोहल सेप्टल एब्लेशन थेरैपी से इसे ठीक किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि यह अध्ययन तीन साल में आए रोगियों पर किया गया।

विश्व के चुनिंदा संस्थानों में ही इस विधि से इलाज
विश्व में कुछ चुनिंदा संस्थानों में ही इस विधि से इस प्रकार के रोगियों को ठीक किया जा रहा है। हृदय रोग संस्थान में इस विधि से 60 रोगियों का सफलतापूर्वक उपचार किया जा चुका है, जो कि अपने आप में एक मिसाल है। जिन लोगों के परिवार में अचानक कार्डियक अरेस्ट से मौत हुई हो, उन्हें एहतियातन जांच करा लेनी चाहिए। इससे रोग पहले ही पता चल जाएगा। -डॉ. अवधेश कुमार शर्मा

जानिये क्या होती है दिक्कत और कैसे होता है इलाज
हृदय के दो चैंबर (लेफ्ट और राइट वेंट्रिकल) के बीच का पार्टीशन (सेप्टम) मोटा हो जाता है। मांसपेशी का बढ़ा हुआ हिस्सा हृदय से महाधमनी में रक्त के प्रवाह में अवरोध उत्पन्न करता है। इस कारण अचानक कोई भारी कार्य करने पर हृदय पर जोर पड़ता है, जिससे कार्डियक अरेस्ट होता है और रोगी की मृत्यु हो जाती है।

एल्कोहल सेप्टल एब्लेशन विधि में कैथेटर के माध्यम से 100% एल्कोहल डालकर उस आर्टरी को बंद कर दिया जाता है। यह आर्टरी बढ़ी हुई मांसपेशी को रक्त सप्लाई करती है। रक्त न मिलने से मांसपेशी सूख जाती है। रोगी की स्थिति में सुधार हो जाता है।