जिस बात ने छीन ली थी कोहली की कप्तानी, अब वही बन गई “गंभीर नीति”, संदेश साफ है कि…
पिछले दिनों टी20 विश्व कप (T20 World Cup 2024) में टीम रोहित की खिताबी जीत के बात अब भारत की क्रिकेट बदलाव की राह पर है. टीम इंडिया की क्रिकेट और “गंभीर” हो चली है! जो बात तीन साल पहले तक बहुत ही ज्यादा “विराट” थी, वह अब टीम इंडिया की नीति या “गंभीर रास्ता” बनता दिख रहा है. और यह बात श्रीलंका (Sl vs IND) दौरे के लिए वीरवार को घोषित वनडे (India ODI Team) और टी20 टीम (India T20 team) के ऐलान से एकदम साफ हो गया, जिसमें आने वाले समय के लिए बड़ा संदेश छिपा है और इसे साफ-साफ पढ़ा जा सकता है. ज्यादा नहीं, करीब तीन साल पहले की ही बात है, जब पूर्व कप्तान विराट कोहली (Virat Kohli) ने टी20 विश्व कप अभियान की नाकामी के बाद टी20 कप्तान पद से इस्तीफा क्या दिया कि मानो “परंपरा” और नीति ने उनके पैरों के नीचे से जमीन खींच ली. इस्तीफे के बाद तत्कालीन BCCI अध्यक्ष सौरव गांगुली ने बड़ा खुलासा करते हुए कहा था कि उन्होंने विराट से टी20 कप्तान पद से इस्तीफा न देने को कहा था. वहीं, कोहली ने इसका जवाब देते हुए कहा था कि उनसे ऐसा बिल्कुल भी नहीं कहा गया. और बात इस मुकाम तक जा पहुंची कि यह “सच या झूठ” भारतीय क्रिकेट इतिहास के सबसे बड़े विवादों में से तो एक बन ही गया, तो वहीं कोहली को इसके बाद वनडे और फिर टेस्ट से भी कप्तानी छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा.
इस वजह से सौरव ने किया था कोहली से मना!
अगर गांगुली के दावे को सच माना जाए, तो उसके पीछे सालों से चली आ रही परंपरा और बीसीसीआई की नीति थी. अगर गांगुली ने कोहली से टी20 कप्तान पद से इस्तीफा न देने को कहा था, तो उसके पीछे सबसे बड़ी वजह यह थी कि भारत व्हाइट-बॉल फॉर्मेट में दो अलग-अलग कप्तान नहीं चाहता था. पहले शायद ही कभी ऐसा देखा गया जब भारत के लिए वनडे में कोई कप्तान हो, तो टी20 में कोई दूसरा कप्तानी करे. विराट इस परंपरा को कैसे समझने से चूक गए, यह अलग बात है, लेकिन उनके टी20 कप्तान पद से इस्तीफे देने के बाद जो हुआ, वह भारतीय क्रिकेट इतिहास के सबसे बड़े विवादों में से एक बन गया.
टूटी परंपरा, बनी गंभीर नीति!
बहरहाल, अब इसे वर्तमान हालात कहें, या “गंभीर नीति” कि अगले चंद दिनों के भीतर शुरू होने जा रहे श्रीलंका दौरे में भारतीय क्रिकेट इतिहास में सालों की परंपरा टूट जाएगी. अब टी20 के कप्तान सूर्यकुमार यादव हैं, जबकि वनडे में रोहित शर्मा. मतलब जिस बात ने एक तरह से कोहली के बतौर कप्तान करियर का असामयिक रूप से अंत कर दिया, अब वही टीम इंडिया की भविष्य की बड़ी पॉलिसी बनता दिख रहा है. मतलब व्हाइट-बॉल फॉर्मेट में दो अलग-अलग कप्तान!
..और दे दिया गौतम ने गंभीर संदेश!
बात गंभीर नीति की यहीं ही खत्म नहीं होती. हैरानी की बात यह है कि जो सूर्यकुमार यादव टी20 टीम के कप्तान हैं, वह वनडे टीम का हिस्सा तक नहीं है. जिस कुलदीप यादव ने टी20 विश्व कप में कमाल का प्रदर्शन किया, उन्हें दौरे में टी20 टीम में शामिल न करके वनडे टीम में शामिल किया गया है. साफ है कि श्रीलंका दौरा बहुत हद तक टी20 के अलग और वनडे के अलग टीम की नीति की शुरुआत करने जा रहा है. यह गौतम की एक गंभीर प्लानिंग का हिस्सा भी हो सकता है. कुल मिलाकर बीसीसीआई ने सालों की परंपरा तोड़ दी. शुरुआत श्रीलंका दौरे से शुरू होने जा रही है और आने वाले समय में भी फैंस को टी20 में अलग और वनडे में अलग-अलग कप्तान दिखाई पड़ेंगे. और अब यह भी साफ है कि बीसीसीआई गंभीर नीति के साथ फॉर्मेट के हिसाब से विशेषज्ञ खिलाड़ियों पर दांव लगाएगा. सूर्यकुमार यादव को वनडे टीम में जगह न मिलना अपने आप में सबकुछ कह दे रहा है.