Paris Olympics 2024: तमाम विवाद अब इतिहास की बात, विनेश फोगाट पदक के लिए तैयार,

जैसी तस्वीर पिछले साल विनेश फोगाट की बन गई थी, उससे यही लग था कि वह ओलंपिक के लिए क्वालीफाई न कर पाएं, लेकिन जिद्दी विनेश ने सभी बातों को धता बता दिया

भारतीय खेलों के लिहाज से पिछले साल का शुरुआती महीना एक अलग ही बड़े विवाद के कारण चर्चा में रहा, जब कुछ ओलंपियनों सहित करीब 23 खिलाड़ी रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (WFI) के पूर्व अध्यक्ष बृज भूषण शरण सिंह के खिलाफ शारीरिक शोषण के आरोप लगाने के साथ ही उन्हें हटाने की मांग के साथ सड़कों पर आ गए. कई दिनों तक धरना-प्रदर्शन चला और इसकी मुख्य रूप से अगुवाई मुख्य तौर पर तीन पहलवानों बजरंग पुनिया, साक्षी मलिक और विनेश फोगाट ने. इस विवाद का असर खिलाड़ियों की ओलंपिक तैयारियों पर भी पड़ना ही था और पड़ा भी. बजरंग पुनिया महाकुंभ के लिए क्वालीफाई नहीं कर सके, तो उन्हें तीखी आलोचना झेलनी पड़ी, लेकिन हमेशा की तरह ही मुसीबतों और राह के तमाम रोड़ों को धता बताते हुए विनेश फोगाट ने ओलंपिक कोटा हासिल कर लिया. 

मांग के आगे झुका फेडरेशन

बजरंग पुनिया के हाल के बाद आलोचकों ने भी इस तरह की बातें शुरू कर दी थीं कि विनेश भी ओलंपिक के लिए क्वालीफाई नहीं कर पाएंगी, लेकिन जिद्दी विनशे ने डब्ल्यूएफआई को पत्र लिखकर 50 और 53 किग्रा भार वर्ग में भाग लेने की इच्छा जाहिर की. साथ ही, उन्होंने फेडरेशन को पत्र लिखकर ओलंपिक से पहले 53 किग्रा भार वर्ग में फाइनल ट्रॉयल की भी लिखित में मांग की.  फेडरेशन ने विनेश की बात मानी और इसके बाद वह 53 किग्रा भार वर्ग में तो हार गईं, लेकिन 50 किग्रा भार वर्ग कैटेगिरी में उन्होंने क्वालीफाई कर लिया. 

पीएम मोदी से की अध्यक्ष की शिकायत

विश्व चैंपियनशिप में कई पदक जीतने वाली विनेश ने तब बृज भूषण शरण सिंह के खिलाफ “मानिसक प्रताड़ना, परेशान करना और जान से मारने” के आरोप लगाए थे. और विनेश ने इसकी शिकायत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और खेलमंत्री अनुराग ठाकुर से भी थी. लेकिन मामला कानूनी होने के कारण सरकार सीधी कार्रवाई से बचती रही, जिसके बाद मामला और तूल पकड़ता गया. 

WFI पर क्वालीफायर्स में बाधा डालने का आरोप

विनेश ने डब्ल्यूएफआई पर उनके ओलंपिक क्वालीफायर्स की भागीदारी में भी भी बाधा डालने का आरोप लगाया. कुछ महीने पहले ही विनेश ने मीडिया में फिर से यह कहकर सनसनी मचा दी कि डब्ल्यूएफआई क्वालीफायर्स मुकाबलों में उनकी भागीदारी में समस्याएं पैदा कर रहा है, लेकिन संस्था ने इन आरोपों को सिरे से नकार दिया. फोगाट ने X पर लिखते हुए कहा, बृज भूषण और संजय सिंह हर तरीके से मुझे ओलंपिक में खेलने से रोक रहे हैं. टीम के नियुक्त किए गए सभी कोच उन्हीं की पसंद हैं और टीम के हैं. ऐसे में इससे इनकार नहीं किया जा सकता है कि ये लोग मैच के दौरान मेरे पानी में कुछ ऐसा मिला सकते हैं, जो डोप टेस्ट में परेशानी पैदा कर सकता है. और अगर मैं यह कहती हूं कि यह मुझे फंसानी की साजिश हो सकती है, तो गलत नहीं होगा.” 

आखिरी बार, पदक के लिए तैयार!

विनेश इकलौती ऐसी महिला रेसरल हैं, जिन्होंने विश्व चैंपियनिशप में दो पदक अपने नाम किए हैं. उन्होंने ये दोनों ही कांस्य पदक क्रमश: साल 2019 और 2022 में 53 किग्रा भार वर्ग में जीते. लेकिन अब दिनों में फोगाट ओलंपिक में 50 किग्रा भार वर्ग में ओलंपिक अभियान का आगाज करेंगी, तो करोड़ों भारतीयों को भरोसा है कि इसी बार वह खेलों के सबसे बड़े महाकुंभ में ऐसी ही जिद दिखाएंगी, जैसी उन्होंने पिछले साल धरना-प्रदर्शन के दौरान दिखाई थी. और यह भी उनके लिए अपने आप में बड़ी प्ररेणा है कि इस बार के बाद उन्हें शायद ही ओलंपिक में भाग लेने का मौका मिले.