भारत ने स्पेस स्टेशन मिशन के लिए चुना प्राइम एस्ट्रोनॉट, ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला को मिली कमान,

मिशन गगनयान’ के लिए पीएम मोदी ने हाल ही में 4 एस्ट्रोनॉट के नाम का ऐलान किया था. पीएम ने प्रशांत बालकृष्णन नायर, अंगद प्रताप, अजीत कृष्णन और शुभांशु शुक्ला को ‘मिशन गगनयान’ के लिए चुना था.

भारत की स्पेस एजेंसी ISRO ने इंडो-यूएस मिशन के तहत इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) के लिए उड़ान भरने के लिए प्राइम एस्ट्रोनॉट को चुन लिया है. ISRO ने सबसे कम उम्र के एस्ट्रोनॉट ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला (Group Captain Shubhanshu Shukla) को प्राइम एस्ट्रोनॉट (Prime Astronaut) बनाया है. शुभांशु शुक्ला को इंडियन एयरफोर्स ने हाल ही में प्रमोशन दिया है.

ISRO ने क्या कहा?
भारत की स्पेस एजेंसी ISRO ने एक बयान में कहा कि अमेरिका की स्पेस एजेंसी NASA भारत के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) भेजेगा. ISRO के ह्यूमन स्पेस फ्लाइट सेंटर ने ISS में अपने ‘एक्सिओम-4’ मिशन के लिए अमेरिका के साथ समझौता किया है. इस मिशन के तहत 2 भारतीय मुख्य और एक बैकअप मिशन पायलट होंगे. ISRO के बयान के मुताबिक, ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला प्राइमरी मिशन पायलट होंगे, जबकि इंडियन एयरफोर्स के ग्रुप कैप्टन प्रशांत बालकृष्णन नायर बैकअप मिशन पायलट होंगे.
 

मिशन गगनयान में भी शामिल हैं शुभांशु शुक्ला
भारत ने अपने पहले ह्यूमन स्पेस फ्लाइट मिशन ‘गगनयान’ (Mission Gaganyaan) के लिए हाल ही में 4 एस्ट्रोनॉट के नाम का ऐलान किया था. पीएम मोदी ने प्रशांत बालकृष्णन नायर, अंगद प्रताप, अजीत कृष्णन और शुभांशु शुक्ला को ‘मिशन गगनयान’ के लिए चुना था. भारत 2040 तक चंद्रमा पर मानव भेजना चाहता है.

कौन हैं शुभांशु शुक्ला?
शुभांशु शुक्ला का जन्म उत्तर प्रदेश के लखनऊ में 10 अक्टूबर 1985 में हुआ था. वो नेशनल डिफेंस एकेडमी से पासआउट हैं. वो इंडियन एयर फोर्स की फाइटर स्ट्रीम में 16 जून 2006 से कमिशन हुए थे.

मॉस्को में हासिल की ट्रेनिंग
उन्होंने रूस की राजधानी मॉस्को के यूरी गगारिन कॉस्मोनॉट ट्रेनिंग सेंटर में ट्रेनिंग हासिल की है. विंग कमांडर शुभांशु शुक्ला Su-30 MKI,MiG-21, जगुआर, हॉक, डॉर्नियर और An-32 एयरक्राफ्ट उड़ा चुके हैं.

गगनयान मिशन के बारे में जानें?
गगनयान मिशन भारत का पहला ह्यूमन स्पेस फ्लाइट मिशन है. पीएम मोदी ने 15 अगस्त 2018 को इस मिशन का ऐलान किया था. गगनयान मिशन को 2025 में लॉन्च किया जाएगा. इसके तहत 4 एस्ट्रोनॉट्स को 400 किलोमीटर ऊपर धरती की निम्न कक्षा (लोअर ऑर्बिट) में स्पेस में भेजा जाएगा. दो से तीन दिन स्पेस में बिताने के बाद उन्हें सुरक्षित वापस हिंद महासागर में समुद्र के भीतर उतारा जाएगा. 

मिशन में शामिल होंगी तीन उड़ानें
‘गगनयान’ मिशन के तहत कुल 3 उड़ानें पृथ्वी की निचली कक्षा में भेजी जाएंगी. इनमें दो मानव रहित उड़ानें और एक उड़ान इंसानों को साथ लेकर की जाएगी. इनमें से गगनयान 3 को 2024 के आखिर तक लॉन्च किए जाने की उम्मीद है.