Neeraj Chopra at Paris Olympics 2024 : 32 डिग्री का कोण…800 ग्राम का वजन… जानिए कैसे नीरज जैवलिन थ्रो में रच पाते हैं इतिहास !

पेरिस ओलंपिक के क्वालिफिकेशन राउंड में आज नीरज चोपडा उतरने वाले हैं. नीरज ने अपने परफॉर्मेंस से खुद को साबित किया है. अब पेरिस में नीरज के पास इतिहास रचने का मौका होगा. नीरज का क्वालिफिकेशन राउंड का मुकाबला भारतीय समयानुसार  दोपहर 3:20 बजे से खेला जाएगा. नीरज क्वालिफिकेशन राउंड में क्वलीफाई कर फाइनल में जाने की भरसक कोशिश करेंगे. बता दें कि फाइनल 8 अगस्त को खेला जाएगा. बता दें कि हाल के समय में नीरज चोट से परेशान रहे हैं, यही कारण है कि फैन्स उनको लेकर चिंता में भी हैं. लेकिन जहां तक नीरज का सवाल है तो इस दिग्गज ने ओलंपिर के लिए काफी तैयारी की है और उम्मीद है कि भारतीय स्टार भाला फेंक खिलाड़ी ओलंपिक में लगातार दूसरा गोल्ड जीतकर इतिहास रचेंगे. 

पानीपत के खंडरा गांव में हुआ जन्म

24 दिसंबर, 1997 को भारत के हरियाणा के पानीपत के खंडरा गांव में जन्मे नीरज चोपड़ा, अपने दृढ़ संकल्प और भाला फेंक में असाधारण प्रतिभा के माध्यम से  एथलेटिक्स आइकन के रूप में उभरे हैं. एक किसान परिवार में साधारण शुरुआत से आगे बढ़ते हुए, ओलंपिक और विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीतने वाले पहले भारतीय बनने और फिर विश्व नंबर 1 रैंकिंग हासिल करने का नीरज का यह सफर शानदार रहा है. साल 2016 विश्व अंडर 20 चैंपियनशिप में उनकी सफलता और उसके बाद राष्ट्रमंडल खेलों और 2020 टोक्यो ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतने, जहां उन्होंने एक नया राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाया और ऐतिहासिक गोल्ड पदक जीता था. नीरज ने भारतीय खेल इतिहास में अपनी विरासत को मजबूत किया . नीरज चोपड़ा की उपलब्धियां लाखों लोगों को  भारत में प्रेरित करती हैं. 

मोटापे से थे परेशान

बचपन में नीरज को वॉलीबाल और कबड्डी खेलना काफी पसंद था. लेकिन 14 साल की उम्र में जेवेलिन थ्रो से उनका लगाव पहली बार हुआ. दरअसल अपने शुरूआती समय में नीरज का वजन काफी था. ऐसे में उनके घर वालों ने उन्हें जिम भेजना शुरू कर दिया था. लेकिम जिम में नीरज को वो खुशी नहीं मिली जिसकी वो तालाश कर रहे थे. ऐसे में नीरज के घर वालों ने उन्हें स्टेडमय में भेजना शुरू कर दिया. स्टेडियम में दूसरे एथलीट को देखकर नीरज के अंदर भी एथलीट बनने की इच्छा हिलोरे मारने लगी. 

बचपन के कोच से सीखी जैवलिन थ्रो

जयवीर सिंह भारतीय एथलीट दिग्गज निरज चोपड़ा के पहले कोच थे. उनकी देखरेख में ही नीरज ने जैवलिन थ्रो सीखा था. साल 2011 में नीरज हरियाणा के पंचकुला में ताऊ देवी लाल स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स गए , जहां उनके नए कोच थे नसीम अहमद . यहां पर नसीम अहमद  से ट्रेनिंग लेकर नीरज अपने करियर में आगे बढ़े. 

2016 विश्व अंडर-20 चैंपियनशिप में बनाया वर्ल्ड रिकॉर्ड 

नीरज को सबसे बड़ी सफलता 2016 में मिली थी. जब नीरज ने  2016 विश्व अंडर-20 चैंपियनशिप के फाइनल में 86.48 का थ्रो करके जूनियर विश्व रिकॉर्ड बनाकर गोल्ड मेडल जीता था. उस दौरान नीरज को ट्रेनिंग  मुख्य कोच गैरी कैल्वर्ट ने दी थी. 

उवे हॉन ने नीरज की सफलता में निभाई अहम भूमिका

साल 2017 से 2018 तक उवे हॉन नीरज चोपड़ा के कोच थे. जर्मनी के उवे हॉन जैवलिन थ्रो के इतिहास में 100 मीटर थ्रो फेंकने वाले इकलौते एथलीट हैं. उनका यह रिकॉर्ड आजतक नहीं टूटा था. साल 1984 में, हॉन ने बर्लिन में 104.8 मीटर थ्रो करके रिकॉर्ड बनाया था. ऐसे में जर्मन कोच से ट्रेनिंग लेकर नीरज के करियर को नई पहचान मिली. उवे हॉन  की ट्रेनिंग के कारण ही टोक्यो ओलंपिक में नीरज गोल्ड जीतने में सफल रहे थे. हालांकि टोक्यो ओलंपिक के दौरान बायोमैकेनिक्स एक्सपर्ट डॉ. क्लॉस बार्टोनिएट्ज़  ने नीरज के साथ काम किया था. 

टोक्यो ओलपिक में  87.58 मीटर की दूरी पर भाला फेंक रचा इतिहास

टोक्यों ओलंपिक के फाइनल में नीरज ने 87.58 मीटर की  दूरी पर भाला फेंककर गोल्ड मेडल जीतने का कमाल किया था. यह टोक्यो 2020 एथलेटिक्स में भारत का पहला व्यक्तिगत ओलंपिक गोल्ड मेडल था.

डॉ. क्लॉस बार्टोनिएट्ज़ हैं नीरज के कोच

इस समय डॉ. क्लॉस बार्टोनिएट्ज़ ही नीरज चोपड़ा के कोच हैं. इस बार पेरिस ओलंपिक में एक बार फिर नीरज गोल्ड पर निशाना साधने की कोशिश करेंगे. डॉ. क्लॉस बार्टोनिएट्ज़ पेरिस ओलंपिक तक नीरज के कोच रहेंगे. 

नीरज चोपड़ा के भाले का कितना होता है वजन

बता दें कि जैवलिन थ्रो में भाले का वजन 800 ग्राम और लंबाई 2.6 से 2.7 मीटर  की होती है.वहीं, महिलाओं के भाले का वजन 600 ग्राम और लंबाई 2.2 से 2.3 मीटर की होती है. बता दें कि साल 2022 में BCCI ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ई-नीलामी में नीरज चोपड़ा के भाले को 1.5 करोड़ रुपए खरीदा था. 

कैसे फेंक पाते हैं इतनी दूर भाला

नीरज चोपड़ा अपनी फिटनेस का पूरा ख्याल रखते हैं. कसरत और सही ट्रेनिंग के दम पर नीरज आज भाला फेंक में दुनिया के सबसे बेहतरीन एथलीट में से एक हैं. तेजी से भाला फेंकने के लिए नीरज पहले तेजी से दौड़ते हैं फिर  दो तीन कदम क्रॉसओवर स्टेप लेते हैं. इसके बाद फाउल लाइन के पीछे रहते हुए भाला फेंकते हैं. भाला फेंकते समय सारी ऊर्जा को हाथों में ट्रांसफर कर पूरी जोर से भाला फेंकते हैं. इस दौरान नीरज को तकनीक का पूरा ख्याल रखना होता है. भाला फेंकने में नीरज की तकनीक पर पकड़ उन्हें दूसरे एथलीट से बेस्ट बनाती है. यही कारण है कि नीरज इस समय दुनिया के सबसे बेहतरीन एथलीट में से एक हैं. 

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नीरज चोपड़ा की उपलब्धि

  1. ओलंपिक खेल (2020) – गोल्ड मेडल
  2. विश्व एथलेटिक्स चैम्पियनशिप (2023) –  गोल्ड मेडल
  3. विश्व एथलेटिक्स चैम्पियनशिप (2022) – सिल्वर मेडल
  4. डायमंड लीग फाइनल (2022) – चैंपियन
  5. डायमंड लीग फाइनल (2023) – उपविजेता
  6. एशियाई खेल (2022) –  गोल्ड मेडल
  7. एशियाई खेल (2018) –  गोल्ड मेडल
  8. राष्ट्रमंडल खेल (2018) – गोल्ड मेडल