बांग्लादेश में अभी भी अस्थिरता, शीर्ष अधिकारियों का इस्तीफा और हिंसा का माहौल, 10 बातों में जानें

बांग्लादेश में अभी भी अनिश्चितता का माहौल बना हुआ है. देश में शीर्ष सरकारी कार्यालय खाली पड़े हैं, जहां अब कार्यवाहक सरकार है और अल्पसंख्यक समुदायों के उत्पीड़न की खबरें लगातार सामने आ रही हैं.

नोबेल विजेता मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में बांग्लादेश में कार्यवाहक सरकार ने इन उथल-पुथल भरे समय में देश को चलाने के लिए शपथ ली है लेकिन विरोध प्रदर्शनों से जूझ रहे देश में अभी तक इसकी उपस्थिति दर्ज नहीं हो पाई है. 



सेना के समर्थन से बने अंतरिम कार्यवाहक यूनुस ने शनिवार को रंगपुर की अपनी यात्रा के दौरान शांति की अपली की थी, जब उन्होंने पुलिस द्वारा गोली मारे गए एक छात्र की मां को गले लगाया. शेख हसीना के सत्ता से बेदखल होने के बाद से बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हमलों की खबरों के बीच उन्होंने धारमिक एकता की भी अपील की है. 



इस्तीफों की कड़ी में सबसे ताजा मामला देश के केंद्रीय बैंक प्रमुख का है. बांग्लादेश बैंक के गवर्नर अब्दुर रौफ ने कल अपने पद से इस्तीफा दे दिया. तीन दिन पहले 100 से अधिक बैंक अधिकारियों ने उनके कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किया था और उनके इस्तीफे की मांग की थी. द डेली स्टार की रिपोर्ट के अनुसार, रौफ ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया है.



पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के वफादार माने जाने वाले मुख्य न्यायाधीश ओबैदुल हसन को कल उनके कार्यालय से बाहर कर दिया गया, क्योंकि छात्रों ने बांग्लादेश के सर्वोच्च न्यायालय को घेर लिया था और उन्हें पद छोड़ने के लिए एक घंटे का अल्टीमेटम दिया था. इसके बाद शीर्ष न्यायालय के पांच और न्यायाधीशों ने इस्तीफा दे दिया.



इसके बाद राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन ने कल शाम सर्वोच्च न्यायालय के उच्च न्यायालय प्रभाग के वरिष्ठतम न्यायाधीश न्यायमूर्ति सैयद रेफत अहमद को देश का 25वां मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया.



देश के मार्केट रेगुलेटर के प्रमुख ने भी इस्तीफा दे दिया है. बांग्लादेश सिक्योरिटीज एंड एक्सेंज कमीशन के अध्यक्ष प्रोफेसर शिबली रुबायत-उल इस्लाम कई दिनों से काम पर नहीं आ रहे थे. उन्होंने भी स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए पद छोड़ दिया.



इस बीच, बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों, खासकर हिंदुओं पर हमलों ने चिंता बढ़ा दी है. चटगांव शहर में कल एक विशाल रैली हुई, जिसमें हज़ारों हिंदुओं ने भाग लिया और देश के नागरिकों के रूप में सुरक्षा और समान अधिकारों की मांग की.



बांग्लादेश में हिंसा की घटनाएं भी लगातार सामने आ रही हैं.। गोपालगंज में कल दोपहर अवामी लीग के जुलूस में हुई झड़प में पांच सैन्यकर्मी घायल हो गए और एक सैन्य वाहन को आग लगा दी गई.



5 अगस्त को शेख हसीना के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद से बांग्लादेश में 52 जिलों में आगजनी, हत्याएं और अल्पसंख्यक समुदायों के उत्पीड़न की कई घटनाएं हुई हैं. इसमें दो प्रदर्शनकारियों को भी चोटें आईं.



पुलिस के साथ झड़प में 400 से ज़्यादा प्रदर्शनकारियों की मौत के बाद विरोध प्रदर्शन तेज़ होने के बाद भीड़ द्वारा हमला किए जाने के डर से शेख हसीना ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देेने के बाद ही देश छोड़ दिया था. सैन्य हेलीकॉप्टर से परिसर से निकलने के कुछ घंटों बाद ही प्रदर्शनकारियों ने उनके आवास पर धावा बोल दिया था. इसके कुछ घंटों बाद वह भारत के उत्तर प्रदेश के एक एयरबेस पर उतरीं थीं.