RBI को आम आदमी की भाषा में समझाना लक्ष्य…”, NDTV से बोले RBI चीफ़ शक्तिकांत दास

NDTV के एडिटर-इन-चीफ संजय पुगलिया को इंटरव्यू देते हुए भारतीय रिजर्व बैंक के चीफ शक्तिकांत दास ने कहा, “RBI को आम आदमी की भाषा में समझाना हमारा लक्ष्य है. इसलिए RBI के काम को सरल भाषा में पेश करने की कोशिश की जा रही है. ताकि हर इंसान अपने बैंकिंग सिस्टम को जान पाए और समझ पाए.”

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के प्रमुख शक्तिकांत दास (RBI Governor Shaktikanta Das) ने बैंकिंग सिस्टम को आसान भाषा में समझाने पर जोर दिया है. शक्तिकांत दास ने कहा, “RBI को आम आदमी की भाषा में समझाना हमारा लक्ष्य है. इसलिए RBI के काम को सरल भाषा में पेश करने की कोशिश की जा रही है. ताकि हर इंसान अपने बैंकिंग सिस्टम को जान पाए और समझ पाए.”

NDTV के एडिटर इन चीफ संजय पुगलिया के साथ एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने भारत की अर्थव्यवस्था, बढ़ती महंगाई दर, GDP ग्रोथ रेट, बैंकिंग सिस्टम में AI के इस्तेमाल, साइबर सिक्योरिटी और वित्तीय स्थिरता पर विस्तार से बात की. शक्तिकांत दास कहते हैं, “बहुत से लोग पूरी तरह से नहीं जानते कि RBI का क्या काम है? RBI हर व्यक्ति की जिंदगी को प्रभावित करता है… हमारी कोशिश यह सुनिश्चित करना है कि भारतीय रिजर्व बैंक का कम्युनिकेशन और उसका आउटरीच अच्छे से चले.”

कोविड के बाद बैंकिंग सिस्टम के सामने थी बड़ी चुनौतियां
शक्तिकांत दास ने कहा, “भारतीय रिजर्व बैंक ने 1935 में काम करना शुरू किया था. UPI पेमेंट में RBI का बड़ा रोल है. हमने कोरोना महामारी और उसके बाद की चुनौतियों का अच्छे से सामना किया है. कोविड के अलग-अलग दौर में बैंकिंग सिस्टम के सामने चुनौतियां बड़ी थीं. दुनिया के सामने कई और चुनौतियां भी थीं. यूक्रेन युद्ध का असर भी बड़ा था. लेकिन सरकार और RBI ने मिलकर अच्छा काम किया.”

RBI सरकार को फ्रॉफिट या लॉस नहीं देता
शक्तिकांत दास कहते हैं, “RBI का फोकस मुख्य रूप से देश की वित्तीय और मौद्रिक स्थिरता सुनिश्चित करना है. हम एक नॉन फ्रॉफिट ऑर्गनाइजेशन हैं. इसलिए हम हर साल सरकार को कोई फ्रॉफिट या लॉस नहीं देते, बल्कि सरप्लस ट्रांसफर करते हैं.”