प्रवर्तन निदेशालय ने तेजस्वी यादव और राबड़ी देवी को रेलवे होटल भ्रष्टाचार मामले में किया तलब
संप्रग शासन में रेलवे के होटलों के आवंटन में भ्रष्टाचार के मामले में धनशोधन जांच के सिलसिले में प्रवर्तन निदेशालय ने बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और उनकी मां राबड़ी देवी को पेशी के लिए तलब किया। अधिकारियों ने बताया कि राजद प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद के बेटे तेजस्वी को 10 अक्तूबर को इस मामले के जांच अधिकारी के सामने पेश होने को कहा गया है।
लालू की पत्नी और बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी को उसके एक दिन बाद 11 अक्तूबर को बुलाया गया है। उन्हें पहले भी निदेशालय ने दो बार तलब किया था, लेकिन माना जाता है कि उन्होंने पेशी के लिए और वक्त मांगा। यह मामला उस समय का है जब रेल मंत्री संप्रग सरकार में रेल मंत्री थे। केंद्रीय जांच एजेंसी ईडी धनशोधन रोकथाम अधिनियम के प्रावधानों के तहत उनके बयान दर्ज कर सकती है। उसने कुछ समय पहले लालू प्रसाद के परिवार और कुछ अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी।
निदेशालय ने इससे पहले इस मामले में संप्रग सरकार के दौरान मंत्री रहे पी सी गुप्ता की पत्नी समेत कुछ लोगों से पूछताछ की थी। उसने अपनी आपराधिक शिकायत शुरु करने के लिए इस संबंध में सीबीआई प्राथमिकी का संज्ञान लिया था। जुलाई में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने प्राथिमिकी दर्ज की थी और लालू एवं अन्य के खिलाफ तलाशियां चलायी थीं।
अधिकारियों ने बताया है कि निदेशालय आरोपियों द्वारा कथित रुप से मुखौटा कंपनियों के माध्यम से गलत तरीके से अर्जित धन की जांच करेगा। राबड़ी, तेजस्वी और अन्य की प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट (ईसीआईआर) में लगाये गये आरोपों के तहत जांच की जाएगी। ईसीआईआर पुलिस प्राथमिकी की समतुल्य होती है।
सीबीआई की प्राथमिकी में अन्य नाम विजय कोचर, विनय कोचर (दोनों सुजाता होटल के मालिक हैं), डिलायट मार्केटिंग कंपनी, जो अब लारा प्रोजेक्ट्स नाम से जानी जाती है, तथा आईआरसीटीसी के तत्कालीन प्रबंध निदेशक पी के गोयल हैं। सीबीआई की प्राथमिमकी कहती है कि बतौर रेलमंत्री लालू प्रसाद ने सरला गुप्ता की बेनामी कंपनी से पटना में एक प्राइम भूखंड के रुप में रिश्वत मिलने के बाद आईआरसीटीसी के दो होटलों का रखरखाव एक कंपनी को सौंप दिया था।