हरियाणा और पंजाब: महीने भर के अंदर एक दर्जन से ज्यादा बच्चे ब्लू व्हेल गेम की जद में

हरियाणा और पंजाब में स्कूली विद्यार्थी लगातार ब्लू व्हेल गेम की जद में आ रहे हैं और प्रदेश सरकारें कागजी कार्रवाई में व्यस्त हैं। हरियाणा में जहां दो विद्यार्थियों की मौत हो चुकी है, वहीं करीब आधा दर्जन को मौत के मुंह में जाने से बचाया जा चुका है। उधर पंजाब में भी अब तक आधा दर्जन से अधिक विद्यार्थियों को बचाया गया है। वैसे कई बच्चे अभी भी लापता हैं। इसके पीछे भी ब्लू व्हेल के होने की आशंका जताई गई है। ब्लू व्हेल का खतरनाक खेल लगातार बढ़ जा रहा है। एक माह के दौरान हरियाणा व पंजाब में एक दर्जन से अधिक ऐसे मामले सामने आ चुके हैं जिनमें ब्लू व्हेल की जकड़ में आते-आते बच्चे बचे हैं। अब तक जो मामले सामने आए हैं, उसमें यह बात साफ है कि ब्लू व्हेल की चपेट में शहरी ही नहीं बल्कि ग्रामीण अंचल के विद्यार्थी भी आ रहे हैं।
हरियाणा के पंचकूला में इस माह सबसे पहले एक सितंबर को सैक्टर-19 में यह मामला सामने आया। जहां बी कॉम दूसरे वर्ष के विद्यार्थी ने ब्लू व्हेल का टास्क पूरा करने के चक्कर में तीसरी मंजिल से छलांग लगा दी। उक्त विद्यार्थी दस दिन तक होश में नहीं आया।

हरियाणा के झज्जर में बीती नौ सितंबर को दसवीं कक्षा के विद्यार्थी रोहित ने पहले ब्लेड से अपनी बाजू की नसें काटीं और बाद में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। रोहित ग्रामीण अंचल में रहता था और सरकारी स्कूल में पढ़ता था। इसके अलावा हरियाणा के गुरुग्राम, महेंद्रगढ़-नारनौल व रोहतक आदि जिलों में इस तरह के मामले सामने आए हैं जिनमें विद्यार्थी ब्लू व्हेल गेम को लेकर अपनी जिज्ञासा को शांत करने का प्रयास कर रहे थे। चार दिन पहले पंचकूला में करण ठाकुर नाम के विद्यार्थी ने आत्महत्या कर ली। आत्महत्या के दो दिन बाद इस बात का पता चला कि करण ने ब्लू व्हेल के जाल में फंसकर ही आत्महत्या की थी। उधर पंजाब में भी हालात अच्छे नहीं हैं। अमृतसर में पिछले सप्ताह 16 वर्षीय एक लड़की को परिजनों ने उस समय पकड़ा जब वह घर में ही फंदा लगाने का प्रयास कर रही थी। इसके अलावा पठानकोट के आर्मी स्कूल में बीते 5 सितंबर को एक विद्यार्थी आत्महत्या के उद्देश्य से पंखे पर झूल गया।

पंजाब के बटाला में पिछले सप्ताह आश्चर्यजनक घटना देखने को मिली जब तीसरी कक्षा के एक बच्चे की बाजू पर एक शिक्षक ने ब्लू व्हेल का ब्लेड से काट कर बनाया गया निशान देखा। स्कूल प्रबंधन ने जब बच्चे से पूछताछ की तो पता चला कि स्कूल के छठी क्लास के कई बच्चे इस खूनी खेल को गुपचुप तरीके से खेल रहे हैं और उनके माता-पिता को इसकी जरा भी भनक नहीं है। बच्चे ने स्कूल प्रबंधन को बताया कि वह जो गेम खेलता है वह बड़ा खतरनाक है और उसने अभी तक इस गेम की तरफ से मिले कई खतरनाक काम पूरे किए हैं। अब वह गेम के एंड तक पहुंचने वाला है।बच्चे ने स्कूल प्रबंधन को यह भी बताया कि स्कूल बस में छठी कक्षा के बच्चों ने ही उसे यह खेल खेलने के लिए उकसाया था और कहा था कि वे सभी यह खतरों भरा खेल खेलते हैं। बटाला के स्कूल में फैले इस गेम के जाल की भनक लगते ही स्कूल प्रबंधन हरकत में गया है। प्रधानाचार्य ने माता-पिता को रोजाना उनके मोबाइल पर एसएमएस कर बच्चों की आॅनलाइन गतिविधियों पर नजर रखने के लिए कहा है।

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