Champions Trophy 2025: विदेश मंत्रालय की दो टूक- भारतीय टीम पाकिस्तान नहीं जाएगी, सुरक्षा कारणों का दिया हवाला
विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट कर दिया है कि भारतीय टीम चैंपियंस ट्रॉफी 2025 के लिए पाकिस्तान की यात्रा नहीं करेगी। दोनों देशों के बीच तनावपूर्ण राजनीतिक संबंधों के कारण भारत ने 2008 के बाद से पाकिस्तान का दौरा नहीं किया है।
भारतीय विदेश मंत्रालय ने भी अब पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दिया है। उन्होंने स्पष्ट कर दिया है कि भारतीय टीम चैंपियंस ट्रॉफी 2025 के लिए पाकिस्तान की यात्रा नहीं करेगी। विदेश मंत्रालय ने अपने साप्ताहिक संवाददाता सम्मेलन में अगले साल होने वाली चैंपियंस ट्रॉफी के लिए भारतीय क्रिकेट टीम के पाकिस्तान जाने पर बीसीसीआई के रुख को दोहराया।
विदेश मंत्रालय ने क्या बयान दिया?
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, ‘बीसीसीआई ने एक बयान जारी किया है। उन्होंने कहा है कि वहां सुरक्षा चिंताएं हैं और इसलिए ऐसी संभावना नहीं है कि टीम वहां जाएगी।’ पाकिस्तान की मेजबानी में होने वाली बहुप्रतीक्षित चैंपियंस ट्रॉफी 2025 पर अनिश्चितता के बादल छाए हुए हैं। आईसीसी ने सदस्य देशों की 29 नवंबर को बैठक बुलाई है। इसी दिन टूर्नामेंट के भविष्य पर फैसला होगा।
दोनों देशों के बीच तनावपूर्ण राजनीतिक संबंधों के कारण भारत ने 2008 के बाद से पाकिस्तान का दौरा नहीं किया है। पिछली बार भारत ने एशिया कप के लिए पाकिस्तान का दौरा किया था। दोनों चिर प्रतिद्वंद्वियों ने पिछली द्विपक्षीय सीरीज 2012-13 में खेली थी जिसमें सीमित ओवरों के मैच खेले गए थे। उसके बाद से भारत और पाकिस्तान मुख्य रूप से सिर्फ आईसीसी टूर्नामेंट या फिर एशिया कप में एक-दूसरे का सामना करते हैं।
आईसीसी की बैठक में नहीं बनी सहमति
शुक्रवार को आईसीसी की बैठक भी हुई। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इसमें 12 पूर्ण सदस्य देशों के प्रतिनिधियों, एसोसिएट देशों के तीन, एक स्वतंत्र निदेशक के अलावा आईसीसी चेयरमैन और सीईओ ने हिस्सा लिया। पाकिस्तान में चैंपियंस ट्रॉफी पर बीसीसीआई के उपाध्यक्ष और कांग्रेस नेता राजीव शुक्ला का भी बयान आया है। उन्होंने कहा, ‘हमारी चर्चा जारी है। स्थिति को देखने के बाद फैसला लिया जाएगा। हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता खिलाड़ियों की सुरक्षा है। हाइब्रिड मोड भी एक विकल्प है।’ हालांकि, पाकिस्तान हाइब्रिड मॉडल में टूर्नामेंट कराने को तैयार नहीं है। पिछले साल एशिया कप भी इसी तरीके से खेला गया था। भारत के मैच किसी तटस्थ देश में खेले गए थे, जबकि बाकी मैच पाकिस्तान में खेले गए। अगर सहमति नहीं बनी तो आईसीसी पीसीबी से मेजबानी का हक भी छीन सकता है। ऐसे में सभी को काफी नुकसान होगा। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, आईसीसी की बैठक में कोई सहमति नहीं बनी और अब शनिवार को भी आईसीसी बैठक करेगा।
पीसीबी अध्यक्ष ने दिया था यह बयान
बैठक से पहले पीसीबी अध्यक्ष मोहसिन नकवी ने कहा, ‘यह संभव नहीं है कि हर बार पाकिस्तान हर टूर्नामेंट के लिए भारत जाकर खेलता रहे और भारतीय अधिकारी अपनी टीम को पाकिस्तान में खेलने के लिए भेजने से इनकार कर दें।’ हमारे यहां ऐसी असमान स्थिति नहीं हो सकती।’ उन्होंने कहा, ‘मैं सिर्फ इतना आश्वासन दे सकता हूं कि बैठक में जो भी होगा, लेकिन हम अच्छी खबर और फैसले लेकर आएंगे जिन्हें हमारे लोग स्वीकार करेंगे।’ नकवी ने उम्मीद जताई कि पांच दिसंबर को आईसीसी चेयरमैन का पद संभालने वाले जय शाह विश्व क्रिकेट और सभी सदस्य बोर्डों के हित में फैसले लेंगे। उन्होंने कहा, ‘जय शाह दिसंबर में कार्यभार संभालेंगे और मुझे यकीन है कि एक बार जब वह बीसीसीआई से आईसीसी में चले जाएंगे, तो वह आईसीसी के लाभ के बारे में सोचेंगे और यही उन्हें करना चाहिए।’
उन्होंने कहा, ‘जब भी कोई ऐसी भूमिका निभाता है तो उसे केवल उस संगठन के हितों पर विचार करना चाहिए।’ ऐसी खबरें थीं कि पाकिस्तान को हाइब्रिड मॉडल को स्वीकार करने के लिए अतिरिक्त वित्तीय प्रोत्साहन की पेशकश की गई थी, लेकिन नकवी इस पर अड़े रहे। नकवी ने कहा कि ऐसे सभी फैसलों और आईसीसी बैठक के नतीजों से पाकिस्तान सरकार को अवगत कराया जाएगा, जो अंतिम फैसला लेगी।
आकाश चोपड़ा ने कही थी यह बात
इस बीच पूर्व भारतीय क्रिकेटर आकाश चोपड़ा ने कहा कि चैंपियंस ट्रॉफी का आयोजन भारत के बिना नहीं हो सकता। उन्होंने भारत सरकार के राष्ट्रीय क्रिकेट टीम को सुरक्षा और राजनीतिक तनाव के कारण पाकिस्तान नहीं भेजने के फैसले का समर्थन किया। उन्होंने कहा- भारत की पाकिस्तान यात्रा बीसीसीआई नहीं बल्कि भारत सरकार द्वारा तय की जाती है। अगर उन्होंने पाकिस्तान की यात्रा नहीं करने का फैसला किया है तो यह पूरी तरह से सही है। जहां कहीं भी यह (चैंपियंस ट्रॉफी) खेली जाएगी, वह भारत के बिना नहीं हो सकती। सच्चाई यह है कि आईसीसी का टूर्नामेंट भारत के बिना नहीं हो सकता। हमें पता चल जाएगा कि यह कहां खेला जाएगा और भारत सरकार द्वारा लिया गया निर्णय बिल्कुल सही है।