7 लोगों की मौत, 50 गाड़ियों को रौंदा, नहीं था ड्राइविंग का अनुभव : मुंबई बस हादसे पर बोली पुलिस

बेस्ट बस हादसा: पुलिस ने बताया कि चालक ने कथित तौर पर बताया कि उसने इलेक्ट्रिक बस चलाने के लिए केवल दस दिन का प्रशिक्षण लिया था. कुर्ला के एसजी बर्वे मार्ग पर सोमवार रात को हुई दुर्घटना में सात लोगों की मौत हो गई और 42 अन्य घायल हो गए, जबकि 22 वाहन भी क्षतिग्रस्त हो गए.

देश की आर्थिक राजधानी के कुर्ला इलाके में सात लोगों को कुचलने वाली बेस्ट बस के चालक को इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) चलाने का कोई अनुभव नहीं था. पुलिस ने मंगलवार को यह दावा किया. पुलिस ने बताया कि इस मामले में बस चालक के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया गया है. उसे मंगलवार को अदालत के समक्ष पेश किया गया जहां से उसे 21 दिसंबर तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है.

पुलिस ने बताया कि चालक ने कथित तौर पर बताया कि उसने इलेक्ट्रिक बस चलाने के लिए केवल दस दिन का प्रशिक्षण लिया था. कुर्ला के एसजी बर्वे मार्ग पर सोमवार रात को हुई दुर्घटना में सात लोगों की मौत हो गई और 42 अन्य घायल हो गए, जबकि 22 वाहन भी क्षतिग्रस्त हो गए.

बृहन्मुंबई विद्युत आपूर्ति एवं परिवहन (बेस्ट) उपक्रम ने मुंबई के कुर्ला इलाके में हुए बस हादसे की जांच के लिए मंगलवार को एक समिति गठित की. यहां तक भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के भाजपा नेताओं ने मांग की है कि सरकार ‘वेट-लीज मॉडल’ की समीक्षा करे जिसके तहत बसों को चालक सहित निजी ठेकेदारों से किराये पर लिया जाता है.

एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि आरोपी बस चालक संजय मोरे (54) को पहले हिरासत में लिया गया और बाद में भारतीय न्याय संहिता की धारा 105 (गैर इरादतन हत्या) और 110 (गैर इरादतन हत्या का प्रयास) तथा मोटर वाहन अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत गिरफ्तार कर लिया गया.

उन्होंने बताया कि मोरे को मजिस्ट्रेट अदालत में पेश किया गया, जहां से उसे 21 दिसंबर तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया.

पुलिस के मुताबिक भीड़भाड़ वाले कुर्ला (पश्चिम) इलाके में सोमवार रात करीब साढ़े नौ बजे चालक के नियंत्रण खो देने के कारण बस ने कई वाहनों और पैदल यात्रियों को टक्कर मार दी. एक अधिकारी ने बताया कि पूछताछ के दौरान मोरे ने पुलिस को बताया कि वह एक दिसंबर से बेस्ट की इलेक्ट्रिक बस चला रहा था और उससे पहले वह मिनी बस चलाता था.

अधिकारी के मुताबिक मोरे ने यह भी दावा किया कि उसने इलेक्ट्रिक बस चलाने के लिए केवल 10 दिनों का प्रशिक्षण लिया है और सोमवार रात अनुभव नहीं होने की वजह से बस को नियंत्रित नहीं कर सका.

उन्होंने बताया कि पूछताछ के दौरान पुलिस ने पाया कि मोरे मानसिक रूप से सचेत था तथा प्राथमिक चिकित्सा रिपोर्ट के मुताबिक वह हादसे के समय शराब के नशे में नहीं था.

इस बीच, हैदराबाद स्थित ओलेक्ट्रा ग्रीनटेक द्वारा निर्मित 12 मीटर लंबी बस की फोरेंसिक विज्ञान विशेषज्ञों और क्षेत्रीय परिवहन अधिकारियों ने जांच की ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या इसमें कोई यांत्रिक खराबी थी, जिसके कारण यह दुर्घटना हुई. एक अधिकारी ने बताया कि घायलों का भाभा अस्पताल, सायन अस्पताल और सेवन हिल्स अस्पताल समेत विभिन्न अस्पतालों में इलाज चल रहा है, उनमें से कुछ की हालत गंभीर है.

उनके अनुसार घायलों में चार पुलिसकर्मी भी हैं, जो इस दुर्घटना के समय बंदोबस्त ड्यूटी पर थे. उनकी हालत स्थिर है. अधिकारियों ने बताया कि स्थानीय लोगों ने दुर्घटना के तुरंत बाद बस चालक संजय मोरे को पकड़ लिया और बाद में पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया.

एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि कुछ लोगों ने बस के परिचालक को चालक समझ लिया और उसकी पिटाई कर दी. बेस्ट ने एक विज्ञप्ति में कहा कि मुख्य प्रबंधक (परिवहन) रमेश मडावी की अध्यक्षता वाली एक समिति दुर्घटना की जांच करेगी.

बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएससी) द्वारा संचालित बेस्ट ने एक विज्ञप्ति में बताया कि मृतकों के परिवारों को दो-दो लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा.

इस बीच, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के एक प्रतिनिधिमंडल ने बेस्ट के महाप्रबंधक अनिल दिग्गीकर से मुलाकात की और मृतकों के परिजनों को 10-10 लाख रुपये और घायलों को 50 हजार से दो लाख रुपये का मुआवजा देने की मांग की.

प्रतिनिधिमंडल ने इस हादसे के लिए 2018 से 2021 के बीच ‘वेट लीज मॉडल’ पर बसों को किराए पर लेने के फैसले को भी जिम्मेदार ठहराया. इस मॉडल के तहत निजी ठेकेदार बस और चालक प्रदान करता है और उनका रखरखाव भी करता है. भाजपा के प्रतिनिधिमंडल ने इसकी समीक्षा की मांग की.