भारत आया यह पाकिस्तानी शख्स, खुलवाना चाहता है भगत सिंह पर केस

लाहौर से भारत पहुंचे इम्तियाज रशीद कुरैशी भगत सिंह की फांसी का केस दोबारा खुलवाएंगे। इसके लिए कुरैशी याचिका में बड़ा बदलाव कराएंगे। बदलावों के बाद याचिका दोबारा फाइल की जाएगी। मामले में शहीद भगत सिंह मेमोरियल फाउंडेशन पाकिस्तान के फाउंडर चेयरमैन कुरैशी कहते हैं, ‘जॉन पी सांडर्स की हत्या के मामले में शहीद भगत सिंह और उनके साथी राजगुरु, सुखदेव को दी गई फांसी की सजा एक न्यायिक हत्या थी। तत्कालीन अदालत ने अंग्रेजी सरकार की मंशा के तहत बिना न्यायोचित फैसला लिए तीनों को फांसी की सजा दी थी। मामले में कुरैशी भगत के पंजाब के होशियारपुर में भगत सिंह के परिवार से भी मिले। उन्होंने कहा कि शहीदों के परिजनों को न्यायिक हत्या के लिए भारी मुआवजा दिया जाना चाहिए। प्रेसवार्ता के दौरान उन्होंने कहा कि शहीद भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को सजा-ए-मौत दिए जाने वाले केस को दोबारा खुलवाने के लिए उन्होंने लाहौर हाईकोर्ट में जो अर्जी दी है।

कुरैशी ने कहा कि उन्होंने साल 2013 में दायर मामले की जल्द सुनवाई के लिए गत 11 सितंबर को लाहौर हाईकोर्ट में एक अर्जी दाखिल की, जिस पर सुनवाई होना अभी बाकी है। उन्होंने बताया कि वह इस संदर्भ में लाहौर हाईकोर्ट के एडिशनल असिस्टेंट रजिस्ट्रार से मिल चुके हैं। उन्होंने उन्हें विश्वास दिलाया है कि भारत से उनके लौटने के बाद जल्द ही इस संबंध में कार्रवाई की जाएगी। कुरैशी ने कहा कि पाकिस्तान की अवाम की नजर में भगत सिंह एक हीरो हैं।

सबसे पहले मोहम्मद अली जिन्ना ने ही भगत सिंह की शहादत को सलाम किया था। वह इस बात के लिए प्रयासरत हैं कि पाकिस्तान के स्कूल- कॉलेजों में भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव की शहादत की कहानी पढ़ाई जाए। उनका कहना था कि पाकिस्तान में भी लोग शहीद भगत सिंह को उतनी ही मोहब्बत और इज्जत देते हैं, जितना कि हिंदुस्तान में।

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