राहुल के सामने खरगे ने अखिलेश से क्या कह दिया ! जानिए लाल रंग कैसे बन गया लकी चार्म

संसद से एक तस्वीर आई है. ये फोटो सोशल मीडिया में खूब वायरल हो रही है. तस्वीर में राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खरगे और अखिलेश यादव एक फ़्रेम में हैं. तीनों मुस्कुराते हुए नज़र आ रहे हैं. खरगे का एक हाथ अखिलेश के कंधे पर है तो दूसरा वाला राहुल गांधी के कंधे पर. राजनैतिक गलियारों में इस फोटो की भी बड़ी चर्चा है. कांग्रेस और समाजवादी पार्टी इंडिया गठबंधन में साथ-साथ हैं. वैसे दिल्ली के चुनाव में समाजवादी पार्टी आम आदमीं पार्टी का समर्थन किया है. उसके बाद से ही कई तरह की अटकलें लगाई जा रहीं थी. ये चर्चा तेज हो गई कि यूपी में कांग्रेस और समाजवादी पार्टी का गठबंधन बस कुछ ही दिनों का है.

कहते हैं तस्वीरें बहुत कुछ कह जाती हैं. राहुल गांधी और अखिलेश यादव वाली फोटो के भी तरह तरह के मायने निकाले जा रहे हैं. संदेश ये है कि हम साथ-साथ हैं. कांग्रेस और समाजवादी पार्टी गठबंधन में सब कुछ ठीक है. जबकि आज सबेरे ही रामगोपाल यादव ने कहा कि कांग्रेस के कारण बीजेपी चुनाव जीतती है. वैसे अखिलेश यादव लगातार कहते रहे हैं कि कांग्रेस के साथ हमारा गठबंधन है और रहेगा भी. पर राजनीति में तो रिश्ते बदलते रहते हैं. भविष्य के गर्भ में क्या है ! ये अभी कैसे कहा जा सकता है.

आ गई थी तल्खी

गठबंधन में रहने के बावजूद समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के रिश्ते कभी खट्टे तो कभी मीठे रहे हैं. हरियाणा चुनाव में समाजवादी पार्टी को जो सीटें देने का वादा किया गया था. पर मिला कुछ नहीं. आख़िर में अखिलेश ने बिना शर्त कांग्रेस को समर्थन देने की घोषणा कर दी थी. महाराष्ट्र में भी सीटों का समझौता नहीं हो पाया. दो महीने पहले यूपी में विेधानसभा की नौ सीटों पर चुनाव हुए. पर कांग्रेस से सीटों के तालमेल पर बात नहीं बनी. फिर राहुल गांधी ने अखिलेश को फोन कर चुनाव न लड़ने की जानकारी दी. अभी मिल्कीपुर में उप चुनाव हुआ. कांग्रेस के किसी नेता ने समाजवादी पार्टी के लिए प्रचार नहीं किया.

फोटो में मल्लिकार्जुन खरगे बगल में खड़े अखिलेश यादव का गमछा हाथ में लिए हैं. अनुमान लगाया जा रहा है कि अखिलेश से गमछे के बारे में पूछ रहे है. लोकसभा चुनाव के समय से ही लाल रंगा का गमछा वे हमेशा अपने साथ रखते हैं. उनकी पार्टी के मीडिया सेल ने उन्हें अपना लुक बदलने की सलाह दी थी. जिससे उनकी फोटो कुछ अलग नज़र आए. इसी दौरान एक संत ने अखिलेश को लाल रंग वाला गमछा दिया. चुनाव प्रचार में वे इसे अपने साथ रखने लगे. इससे पहले उन्होंने लाल रंग की समाजवादी टोपी पहननी शुरू कर दी थी. लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी को बंपर जीत मिली. अब वही गमछा अखिलेश के लिए लकी चार्म बन गया है.

क्या नया करने की कोशिश

यूपी में साल 2027 की शुरूआत में विधानसभा के चुनाव हैं. बीते कई दशकों से कांग्रेस अपने अस्तित्त्व के लिए जूझ रही है. समाजवादी पार्टी भी आठ साल से सत्ता से बाहर है. अलग-अलग चुनाव लड़ने पर मुस्लिम वोटों का बंटवारा हो सकता है. यूपी में बीस प्रतिशत से भी अधिक मुस्लिम वोटर है. लोकसभा चुनाव में दोनों पार्टियां मिल कर चुनाव लड़ीं तो फ़ायदा दोनों का रहा. फिर मामला दलित वोट बैंक का भी है. मायावती और उनकी पार्टी बीएसपी लगातार कमजोर हो रही है. दलितों में सिर्फ़ जाटव वोट उनके पास बचा रह गया है. कांग्रेस के साथ रहने से दलित वोट में समाजवादी पार्टी की हिस्सेदारी बढ़ सकती है. राजनीति में दो जोड़ दो कभी कभार बाईस भी होते हैं. राजनीति के इसी चमत्कार के आगे एक ही फोटो में राहुल गांधी, अखिलेश यादव और मल्लिकार्जुन खरगे नतमस्तक हैं