101 साल में BHU को मिली पहली महिला चीफ प्रॉक्टर रोयाना सिंह

पिछले सप्ताह बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में कथित छेड़छाड़ के खिलाफ छात्राओं के विरोध प्रदर्शन के बाद रोयाना सिंह को यूनिवर्सिटी की चीफ प्रॉक्टर बनाया गया है। बीएचयू के इतिहास में यह पहली बार है कि किसी महिला को इस पद पर नियुक्त किया गया है। रोयाना सिंह एनाटॉमी विभाग में बतौर प्रोफेसर यूनिवर्सिटी में कार्यरत हैं। फ्रांस में पैदा हुईं सिंह यूनिवर्सिटी की महिला शिकायत सेल की चेयरपर्सन भी हैं। बता दें, ओएन सिंह ने यूनिवर्सिटी में हुए बवाल की ‘नैतिक जिम्मेदारी’ लेते हुए चीफ प्रॉक्टर के पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद बुधवार को महेंद्र सिंह को अंतरिम चीफ प्रॉक्टर बनाया गया था। छात्राओं ने यूनिवर्सिटी प्रशासन से छेड़छाड़ की घटनाओं की शिकायत की थी, लेकिन प्रबंधन ने उनकी बात नहीं सुनी तो छात्राएं धरने पर बैठ गईं। जिसके बाद उन पर लाठीचार्ज किया गया। जिसमें कई लड़कियां गंभीर रूप से घायल हो गई थीं।

बनारस के स्थानीय प्रशासन ने यूनिवर्सिटी प्रबंधन पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्होंने छात्रों की समस्या सुनी नहीं, वरना इसका समाधान आसानी से किया जा सकता है। वहीं यूनिवर्सिटी स्टाफ ने हॉस्टल में कथित तौर पर जबरन पुलिस की एंट्री कर छात्राओं और स्टाफ मेंबर्स के साथ मारपीट करने पर सवाल उठाए हैं।

बता दें, एक छात्रा के साथ यूनिवर्सिटी में छेड़छाड़ की गई थी। इसे बाद छात्राओं ने इसकी शिकायत यूनिवर्सिटी प्रबंधन से की, लेकिन प्रबंधन ने जब उनकी बात नहीं सुनी तो वे प्रदर्शन करने लगीं। प्रदर्शन कर रही छात्राओं की मांग थी कि यूनिवर्सिटी में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं और आरोपी को गिरफ्तार किया जाए।

काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में छेड़खानी और छात्राओं पर हुए लाठी चार्ज की घटना के बाद कुलपति गिरिश चन्द्र त्रिपाठी ने बुधवार की देर शाम त्रिवेणी छात्रावास की छात्राओं से मुलाकात की। विश्वविद्यालय के जनसंपर्क अधिकारी राजेश सिंह ने बताया कि कुलपति ने छात्राओं की समस्याएं सुनीं और प्राथमिकता के आधार पर उनके शीघ्र समाधान का आश्वासन दिया। सिंह ने कहा कि कुलपति ने इस भेंट के दौरान छात्राओं को बताया कि विश्वविद्यालय प्रशासन उनके लिए कई सुविधाएं उपलब्ध करवा रहा है। विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से महिला प्राध्यापकों एवं विश्वविद्यालय के बाहर के सदस्यों वाली एक समिति गठित की गयी है जो समय-समय पर परिसर में आकर महिला छात्रावासों में रहने वालों की समस्याओं को सुनती है तथा उनके निस्तारण हेतु सिफारिश करती है।

उनके अनुसार, कुलपति ने कहा कि परिसर में सीसीटीवी कैमरे पहले से ही लगे हैं। उनकी गुणवत्ता सुधारने तथा अन्य स्थानों पर कैमरे लगाने का काम चल रहा है। कुलपति ने कहा, ‘चूंकि विश्वविद्यालय में सुरक्षा तंत्र में पूर्व सैनिकों को ही भर्ती करने का प्रावधान है, इसलिए हमारे पास महिला सुरक्षा कर्मी नहीं हैं। पहले सेना में महिलाएं नहीं होती थीं। लेकिन हम इसे जरूरी बदलाव कर महिला सुरक्षार्किमयों को शामिल करने का काम कर रहे हैं।’

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