टाटा भी हिल गया, शेयर बाजार से एक ही दिन में डेढ़ लाख करोड़ का झटका

अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप के दुनिया के विभिन्‍न देशों पर रेसिप्रोकल टैरिफ लगाने का जबरदस्‍त असर सोमवार को दुनिया भर के शेयर बाजारों पर नजर आया. सोमवार को भारतीय बाजारों में कई कंपनियों के शेयर औंधे मुंह गिरे. इसका असर टाटा मोटर्स के शेयरों (Tata Motors Stock Price) पर भी देखने को मिला. टाटा की कंपनी Jaguar Land Rover (JLR) के अमेरिका को गाड़ियों की शिपमेंट रोकने की खबर के बाद कंपनी के शेयरों में भारी गिरावट देखी गई. JLR ने यह फैसला अमेरिका द्वारा इम्पोर्टेड लग्जरी गाड़ियों पर 25% टैरिफ लागू करने के बाद लिया है. 

मुश्किल वक्‍त में निवेशक ऐसी कंपनियों की ओर आकर्षित होती हैं, जो ऐसे वक्‍त में भी मजबूती से खड़ी रहती हैं. टाटा समूह की कंपनियां इसी श्रेणी में आती हैं. निवेशकों का हमेशा से ही टाटा समूह की कंपनियों पर विश्‍वास रहा है. हालांकि सोमवार को टाटा समूह पर से निवेशकों का विश्‍वास हिला हुआ नजर आया. ट्रंप टैरिफ का असर इतना जबरदस्‍त था कि टाटा समूह की कंपनियों के करीब 1.49 लाख करोड़ रुपये एक ही दिन में साफ हो गए. 

टाटा की सभी कंपनियों को नुकसान

टाटा समूह की कंपनी टाटा स्‍टील को सोमवार को बड़ा झटका लगा. मेटल सेक्‍टर की कंपनी के शेयर एक ही दिन में 12 फीसदी टूट गए. सोमवार को मेटल सेक्‍टर के शेयरों में जबरदस्‍त बिकवाली देखने को मिली. इसके साथ ही टाटा समूह की आईटी से जुड़ी दिग्‍गज कंपनी टीसीएस के लिए भी सोमवार का दिन किसी बुरे सपने से कम नहीं रहा. कंपनी के मार्केट कैप से 47,500 करोड़ रुपये देखते ही देखते हवा हो गए.

वहीं कंज्‍यूमर डिस्‍क्रेशनरी की दिग्‍गज कंपनी टाइटन को 6,392 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है तो समूह की अन्‍य कंपनियों के शेयरों में भी तगड़ी बिकवाली देखने को मिली है. टाटा समूह की ट्रेंट, टाटा पावर, इंडियन होटल्स और टाटा कंज्यूमर को भी 1,500 करोड़ से लेकर 32,000 करोड़ रुपये तक का भारी नुकसान हुआ है. 

52 वीक लो पर पहुंचा शेयर 

BSE पर टाटा मोटर्स का शेयर (Tata Motors Share Price) 11.61% गिरकर 542.55 रुपये पर आ गया, जो इसका 52 हफ्तों का सबसे निचला स्तर है. वहीं NSE पर शेयर 12.72% टूटकर 535.75 रुपये तक लुढ़क गया. यह गिरावट तब और अहम हो गई जब पूरे ग्लोबल मार्केट में गिरावट का माहौल था. सेंसेक्स और निफ्टी दोनों ही इंडेक्स सोमवार को 5% से ज्यादा टूटे.

JLR ने अमेरिका को शिपमेंट क्यों रोकी ?

JLR ने कहा कि अमेरिका उसकी लग्जरी गाड़ियों के लिए एक बड़ा मार्केट है. लेकिन नए टैरिफ नियमों के बाद कंपनी अब अपने ट्रेड पार्टनर्स के साथ मिलकर आगे की स्ट्रैटेजी बना रही है. इसी प्रक्रिया में अप्रैल के लिए शिपमेंट को रोकने का फैसला लिया गया है. कंपनी ने कहा कि फिलहाल वह शॉर्ट टर्म ऐक्शन पर फोकस कर रही है, ताकि मिड और लॉन्ग टर्म प्लान्स तैयार किए जा सके.

अमेरिका JLR के लिए कितना अहम?

FY24 में JLR ने जो 4 लाख से ज्यादा यूनिट्स बेचीं, उनमें से करीब 23% सिर्फ अमेरिका में बेची गईं. ये सभी यूनिट्स यूके के प्लांट्स से एक्सपोर्ट की गई थीं. 3 अप्रैल से ट्रंप प्रशासन की नई 25% टैरिफ पॉलिसी लागू हुई है, जिसका असर अब कंपनियों पर दिखने लगा है.

ग्लोबल मार्केट पर भी टैरिफ का असर

ट्रंप की टैरिफ नीति (Trump Tariff Policy)  का असर सिर्फ टाटा मोटर्स पर नहीं, बल्कि पूरे ग्लोबल इकनॉमी पर दिख रहा है. चीन ने भी रिटैलिएट किया है जिससे ट्रेड वॉर (Trade War) का डर और बढ़ गया है. यही वजह है कि सोमवार को एशियाई और अमेरिकी मार्केट में बड़ी गिरावट देखने को मिली, जिसका सीधा असर भारतीय शेयर बाजार पर भी पड़ा.