अरुण जेटली का यशवंत सिन्हा पर जवाबी हमला, कहा-80 साल की उम्र में चाहते हैं नौकरी

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने गुरुवार को भाजपा नेता एवं पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा पर अपनी चुप्पी तोड़ते हुए जवाबी हमला बोला। एक पुस्तक के विमोचन कार्यक्रम में जेटली ने सिन्हा को 80 साल की उम्र में नौकरी चाहने वाला करार देते हुए कहा कि वह वित्त मंत्री के रूप में अपने रिकॉर्ड को भूल गए हैं। जेटली ने कहा कि सिन्हा नीतियों के बजाय व्यक्तियों पर टिप्पणी कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगााया कि सिन्हा वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम के पीछे-पीछे चल रहे हैं। वह भूल चुके हैं कि कैसे कभी दोनों एक दूसरे के खिलाफ कड़वे बोल का इस्तेमाल करते थे। हालांकि, जेटली ने सीधे-सीधे सिन्हा का नाम नहीं लिया, लेकिन कहा कि उनके पास पूर्व वित्त मंत्री होने का सौभाग्य नहीं है, न ही उनके पास ऐसा पूर्व वित्त मंत्री होने का सौभाग्य है जो आज स्तंभकार बन चुका है। इसमें जेटली का पहला उल्लेख सिन्हा के लिए और दूसरा चिदंबरम के लिए था।

उन्होंने कहा कि पूर्व वित्त मंत्री होने पर मैं आसानी से संप्रग दो में नीतिगत शिथिलता को भूल जाता। मैं आसानी से 1998 से 2002 के एनपीए को भूल जाता। उस समय सिन्हा वित्त मंत्री थे। मैं आसानी से 1991 में बचे चार अरब डॉलर के विदेशी मुद्रा भंडार को भूल जाता। मैं पाला बदलकर इसकी व्याख्या बदल देता। जेटली ने सिन्हा पर तंज कसते हुए कहा कि वह इस तरह की टिप्पणियों के जरिये नौकरी ढूंढ रहे हैं। सिर्फ पीछे-पीछे चलने से तथ्य नहीं बदल जाएंगे।

साथ ही उन्होंने सिन्हा के उस दावे को भी खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने कहा का कि अर्थव्यवस्था नीचे गिर रही है। उन्होंने मजबूत अर्थव्यवस्था के दावे को साबित करने के लिए कर संग्रह के आंकड़ों का उल्लेख किया। उन्होंने कहा, ‘पिछले साल की तुलना में प्रत्यक्ष कर संग्रह 15.7 प्रतिशत बढ़ा।’ इसके साथ ही उन्होंने बताया, ‘पहले दो महीने में जीएसटी संग्रहण अनुमानित आंकड़े के करीब। अगले कुछ महीनों में राजस्व और बढ़ेगा।’ वहीं उन्होंने एफडीआई का जिक्र करते हुए कहा, ‘सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों का पूंजी व्यय इस वित्त वर्ष में तीन लाख करोड़ रुपये। एफडीआई लगातार अब तक के ऊंचे स्तर पर बना रहेगा।’

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