विवादित बयानों से किनारा, पहलगाम हमले पर कांग्रेस की पार्टी नेताओं को नसीहत- ‘फिजूल की बयानबाजी न करें’

पहलगाम आतंकी हमले को पूरे देश में गम और गुस्से का माहौल है. लेकिन राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े इस मामले में कांग्रेस के कुछ नेताओं द्वारा दिए गए बयानों को लेकर पार्टी की छवि भी खराब हुई है. इससे कांग्रेस का आलाकमान नाराज है. कांग्रेस आलाकमान ने पार्टी के नेताओं को नसीहत दी है कि पहलगाम हमले पर फिजूल की बयानबाजी करने के बचें. पार्टी ने हाल के दिनों में नेताओं द्वारा दिए गए विवादित बयानों से भी किनारा कर लिया है. 

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने साझा की जानकारी

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर लिखा- कांग्रेस कार्य समिति ने 24 अप्रैल 2025 को बैठक की और दो दिन पहले पहलगाम में पर्यटकों पर हुए बर्बर आतंकी हमले पर एक प्रस्ताव पारित किया. इसके पश्चात 25 अप्रैल 2025 को कांग्रेस अध्यक्ष और लोकसभा में विपक्ष के नेता ने सर्वदलीय बैठक में भाग लिया और पार्टी का पक्ष रखा.

मीडिया से चर्चा कर रहे कांग्रेस नेता अपनी राय रख रहे, पार्टी की नहीं’

कांग्रेस के कुछ नेता मीडिया से चर्चा कर रहे हैं. वे केवल अपनी व्यक्तिगत राय रखते हैं, वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) के विचारों का प्रतिनिधित्व नहीं करते. ऐसे अत्यंत संवेदनशील समय में इस बात में कोई संदेह नहीं होना चाहिए कि केवल CWC (कांग्रेस कार्य समिति) का प्रस्ताव, मल्लिकार्जुन खड़गे और  राहुल गांधी द्वारा व्यक्त विचार, और अधिकृत AICC पदाधिकारियों के विचार ही INC की आधिकारिक स्थिति का प्रतिनिधित्व करते हैं.

पार्टी नेताओं के विवादित बयान से शीर्ष नेतृत्व नाराज

दरअसल हाल के दिनों में पार्टी नेताओं द्वारा पहलगाम की घटना को लेकर दिए जा रहे आपत्तिजनक बयानों से कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व नाराज़ है. पार्टी की तरफ से तमाम नेताओं को कहा जा रहा है कि फिजूल की बयानबाज़ी न करें.

कांग्रेस के कुछ नेताओं की टिप्पणी से गलत मैसेज गया

राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे ने सर्वदलीय बैठक के बाद कहा था कि पार्टी सरकार के हर क़दम के साथ हैं. इधऱ बीते कुछ दिनों में कांग्रेस के कई नेता मणिशंकर अय्यर, कर्नाटक के सीएम सिद्धरमैया सहित कई अन्य ने पहलगाम हमले पर कुछ ऐसी टिप्पणी की, जिससे समाज में पार्टी को लेकर गलत मैसेज गया.