पंचकूला कांड: कार के शीशे पर लटका हुआ था तौलिया, अंदर तड़प रहे थे 7 लोग, जानिए चश्‍मदीद ने क्‍या देखा

हरियाणा के पंचकूला में मंगलवार सुबह उस वक्त हड़कंप मच गया जब एक कार के अंदर सात लोगों की लाशें मिलीं. यह कोई आम हादसा नहीं था. यह मौत की वो कहानी थी जिसमें पूरी एक ज़िंदगी खत्म हो गई. दरवाजे बंद, शीशों पर सफेद तोलिए, अंदर बेजान पड़ीं लाशें और फैली हुई दवाइयां.  दृश्य ऐसा था जैसे किसी क्राइम थ्रिलर फिल्म का सीन हो लेकिन यह हकीकत थी. पंचकूला पुलिस को शक है कि यह मामला सामूहिक आत्महत्या का हो सकता है, लेकिन पूरा सच अब भी अंधेरे में है. 

पंचकूला के सेक्टर-27 में स्थित एक मकान के बाहर खड़ी एक कार ने मंगलवार सुबह ऐसा मंजर दिखाया, जिससे न केवल मोहल्ला, बल्कि पूरा शहर दहल उठा. कार के अंदर मौजूद थे एक ही परिवार के सात सदस्य  सभी मृत.  घटना की सूचना मिलते ही पुलिस और फॉरेंसिक टीमें मौके पर पहुंचीं. पंचकूला की डीसीपी हिमाद्री कौशिक के मुताबिक, प्रथम दृष्टया यह आत्महत्या का मामला लग रहा है. लेकिन घटनास्थल से जुटाए गए साक्ष्य, कुछ और ही कहानी बयां कर रहे हैं. 

कार बना मौत का कफन

जिस कार में लाशें मिलीं, वह उत्तराखंड के देहरादून निवासी प्रवीण मित्तल की थी.  बताया जा रहा है कि वे पंचकूला में परिवार सहित हनुमंत कथा सुनने आए थे.  कथा समाप्त होने के बाद, परिवार देहरादून लौट रहा था, लेकिन उससे पहले यह त्रासदी घट गई। कार के भीतर कुल सात लोग सवार थे.  प्रवीण मित्तल (42), उनके पिता देशराज मित्तल, मां, पत्नी और तीन बच्चे. 

कार के शीशों पर सफेद तौलिए लटकाए गए थे ताकि कोई अंदर न झांक सके.  लेकिन, मोहल्ले में टहल रहे युवक पुनीत राणा को कुछ अजीब सा महसूस हुआ.  उन्होंने जब खिड़की से झांका, तो कार के भीतर लोग बेसुध पड़े थे, कुछ ने उल्टियां की हुई थीं, और एक व्यक्ति शायद प्रवीण मित्तल हल्की सांसों में जिंदा था. 

जहर का असर, मौत की उलटी गिनती

घटना का वीडियो भी सामने आया है जिसमें प्रवीण मित्तल एक रैंप पर गर्दन झुकाए बेसुध दिखाई दे रहे हैं.  ऐसा प्रतीत हो रहा है कि जहर का असर उन्हें अंदर से तोड़ चुका था.  पुनीत ने जब प्रवीण से बात की तो उन्होंने बताया कि वह बहुत कर्ज में डूबे हैं और पांच मिनट में मरने वाले हैं. 

प्रवीण ने पुनीत को बताया कि उनके रिश्तेदार बहुत अमीर हैं लेकिन किसी ने उनकी मदद नहीं की.  उन्होंने होटल न मिलने की बात भी बताई और कहा कि इसलिए परिवार कार में ही सो गया. कार के भीतर एक दवाइयों का पत्ता भी पड़ा मिला, जिससे आत्महत्या की आशंका और गहरा गई है. 

फॉरेंसिक टीम ने कार से नमूने और साक्ष्य इकट्ठे कर लिए हैं.  कार में मौजूद बदबू, उल्टियां, और दवाओं के अवशेष यह सब आत्महत्या की ओर इशारा कर रहे हैं. लेकिन जांच पूरी होने और पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही मौत के असल कारण का खुलासा हो सकेगा. 

देहरादून से क्या है कनेक्शन?

पंचकूला पुलिस अब इस मामले की तह तक जाने के लिए देहरादून जाएगी. वहां पड़ोसियों, रिश्तेदारों और जान-पहचान वालों से पूछताछ की जाएगी.  बताया जा रहा है कि मित्तल परिवार लंबे समय से आर्थिक तंगी और कर्ज से परेशान था. ऐसी भी आशंका जताई जा रही है कि यह आत्महत्या किसी सामूहिक फैसले का हिस्सा थी. व जहां पिता ने पूरे परिवार के साथ मृत्यु को गले लगाने का निर्णय लिया. 

देहरादून के कोलागढ़ में यह मित्तल परिवार किराए के मकान पर रहा करता था. पास के ही पड़ोस के रहने वाली राजकुमारी नौटियाल नाम की एक महिला ने बताया कि यह परिवार हरियाणा से आया था. राजकुमारी नौटियाल ने बताया कि शायद उनको पैसों की दिक्कत थी यही वजह था कि वह यहां से मकान छोड़कर दूसरी जगह रहने लग गए थे मित्तल परिवार ने कभी. अपने परिवार की कोई बात नहीं बताई ना ही उसे बारे में वह बात करते थे.राजकुमारी नौटियाल ने बताया कि 3 साल पहले वह यह घर छोड़कर निकल गए.  राजकुमारी नौटियाल ने यह भी बताया कि वह एक एनजीओ में काम करते थे और उनके बच्चे भी वही पढ़ते थे.

मृतक परिवार पर था 15 से 20 करोड़ का लोन

प्रवीण मित्तल, जिनके परिवार ने सामूहिक आत्महत्या कर ली पिछले 2 सालों से पंचकूला के सकेतड़ी में रह रहे थे और टैक्सी ड्राइवर का काम करते थे. प्रवीण पर 15-20 करोड़ का कर्ज था. हिसार के बरवाला के रहने वाले प्रवीण पहले  पंचकूला में रह रहे थे. कुछ साल पहले हिमाचल प्रदेश के बद्दी में उनकी स्क्रैप फैक्ट्री लगाई थी, बाद में बढ़ते कर्ज के कारण बैंक ने जब्त कर लिया था. बाद में वित्तीय दबाव का सामना करते हुए प्रवीण अचानक पंचकूला छोड़कर उत्तराखंड के देहरादून चले गए, जहां वे 5/6 साल तक परिवार के संपर्क से बाहर रहे. 

अपने इस कदम के समय उन पर करीब 20 करोड़ रुपये का कर्ज था. बाद में वे मोहाली के खरड़ चले गए और हाल ही में पंचकूला के सकेतड़ी गांव के पास रह रहे थे. खुद का खर्च चलाने के लिए उन्होंने टैक्सी चलाना शुरू कर दिया था. वित्तीय संकट के कारण बैंक ने उनके दो फ्लैट, फैक्ट्री और वाहन जब्त कर लिए थे. पुलिस के मुताबिक प्रवीण ने एक सुसाइड नोट छोड़ा है, जिसमें उसने अनुरोध किया है कि उसका अंतिम संस्कार उसके ममेरे भाई संदीप अग्रवाल करेंगे. संदीप ने उससे पांच दिन पहले ही बात की थी. 

बुराड़ी कांड की दिल दहला देने वाली यादें

इस घटना ने साल 2018 के दिल्ली के बुराड़ी कांड की भयावह यादें ताजा कर दी हैं, जब एक ही परिवार के 11 सदस्यों ने सामूहिक आत्महत्या कर ली थी. उस मामले में भी मानसिक तनाव और धार्मिक विश्वास के चलते मौत को चुना गया था.  पंचकूला की यह घटना भी लगभग वैसी ही लगती है फर्क बस इतना है कि मौत का मंच इस बार एक कार बनी.