यूक्रेन की फर्स्ट लेडी के विमान को जयपुर में क्यों करना पड़ा लैंड? यहां जानिए वजह 

यूक्रेन की फर्स्ट लेडी और यूक्रेनी राष्ट्रपति व्लाडिमिर जेलेंस्की की पत्नी रविवार को भारत में थीं. दरअसल उच्च स्तरीय यूक्रेनी प्रतिनिधिमंडल को ले जा रहा एक विमान रविवार को ईंधन भरने के लिए जयपुर इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर रुका. विमान जापान की राजधानी टोक्यो जा रहा था और उसमें यूक्रेन की फर्स्ट लेडी ओलेना वलोडिमिर जेलेंस्का और यूक्रेन के विदेश मामलों के मंत्री एंड्री सिबिहा समेत जेलेंस्की सरकार के अन्य वरिष्ठ मेंबर सवार थे.

विमान को रिफ्यूल करने के अनुरोध को विदेश मंत्रालय ने पहले से इजाजत (अप्रूवल) दे रखी थी. विदेश मंत्रालय ने 1 अगस्त को नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो को यूक्रेनी सरकार के सदस्यों को आवश्यक प्रोटोकॉल प्रदान करने का निर्देश दिया था. विमान सुबह करीब साढ़े छह बजे जयपुर में उतरा.

निर्देश में कहा गया है, ”यह अनुरोध किया जाता है कि विशिष्ट अतिथि के साथ-साथ प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों के लिए भी जहाज पर चढ़ने से पहले जांच/जामा-मौजूदगी आदि की छूट के लिए आवश्यक निर्देश जारी किए जाएं.” निर्देश में कहा गया है, ”आवश्यक शिष्टाचार और सुविधाएं भी प्रदान की जा सकती हैं.”

यूक्रेन से आए इन प्रतिनिधिमंडल में कुल 23 मेंबर थे. इसमें संयुक्त राष्ट्र में यूक्रेन के स्थायी प्रतिनिधि सर्गेई किस्लित्स्या और यूक्रेन के आर्थिक मामलों के मंत्री ओलेक्सी सोबोलेव भी शामिल थे. ये सभी जयपुर इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर उतरे और विमान के ईंधन भरने के दौरान वीआईपी लाउंज में इंतजार किया. रुकने के दौरान उन्हें हल्का जलपान परोसा गया, जहां उन्होंने दिल्ली में यूक्रेनी दूतावास के अधिकारियों से मुलाकात की, जो उनका स्वागत करने के लिए जयपुर में थे.

प्रतिनिधिमंडल को इमिग्रेशन क्लियरेंस की आवश्यकता नहीं थी और लगभग 8:15 बजे अपनी यात्रा फिर से शुरू की. कथित तौर पर यूक्रेन का उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल दोनों देशों के बीच संबंधों के महत्व को उजागर करने के लिए जापान का दौरा कर रहा है. यूक्रेनी अधिकारी जापान से रूस के खिलाफ प्रतिबंध बढ़ाने और यूक्रेन के पुनर्निर्माण में मदद करने का आह्वान कर सकते हैं. मिली जानकारी के अनुसार जापान से लौटते समय भी उनका विमान कोलकाता में उतरेगा और उसमें फिर से ईंधन भरा जाएगा.

भारत और यूक्रेन संबंध

भारत का यूक्रेन के साथ व्यापक द्विपक्षीय संबंध है, जिसमें सहयोग के सभी क्षेत्र शामिल हैं. भारत दिसंबर 1991 में यूक्रेन को एक संप्रभु देश के रूप में मान्यता देने वाले पहले देशों में से एक था और जनवरी 1992 में राजनयिक संबंध स्थापित किए.