नेवी, एयरफोर्स की भर्तियों की शॉर्ट लिस्टिंग में भेदभाव के आरोप, दिल्ली हाईकोर्ट ने मांगा जवाब

दिल्ली उच्च न्यायालय ने सेना में अधिकारी रैंक के नीचे के पदों पर भर्ती के लिये आवेदन प्राप्त करने के बाद ‘‘कट..आफ’’ अंकों में वृद्धि के उनके अधिकार सुरक्षित होने की कथित ‘‘मनमाने और भेदभावपूर्ण’’ भर्ती प्रक्रिया को चुनौती वाली याचिका पर वायु सेना और नौ सेना से जवाब मांगा है। याचिका में दावा किया गया है कि थल सेना के विपरीत, वायु सेना और नौ सेना में अधिकारी से नीचे रैंक के कर्मियों (पीबीओआर) की भर्ती में लिखित परीक्षा के पहले ही शार्ट लिस्टिंग प्रक्रिया विकसित कर भेदभाव किया जा रहा है। याचिका में कहा गया है कि इससे चयन प्रक्रिया में योग्य उम्मीदवारों के शामिल होने के अवसर कम हो जाते हैं।

कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति गीता मित्तल और न्यायमूर्ति सी हरिशंकर की पीठ ने केंद्र सरकार, वायु सेना तथा नौ सेना के प्रमुखों सहित कुछ अन्य संबंधित संगठनों के प्रमुखों को नोटिस जारी किये हैं। सभी को छह सप्ताह के भीतर नोटिस का जवाब देने को कहा गया है। अदालत ने मामले को 15 दिसंबर के लिए सूचीबद्ध किया है।

यह याचिका राजस्थान के निवासी ओंकार चौधरी ने दायर की है। उन्होंने आरोप लगाया कि थल सेना द्वारा अपनायी गयी प्रक्रिया की तुलना में वायु सेना और नौ सेना ‘‘अतार्किक’’ प्रक्रिया का पालन कर रही हैं।

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