सोमवती अमावस्या 2017: कैसे करें पूजा और किन मंत्रों के इस्तेमाल से होगा लाभ, जानिए
21 अगस्त 2017 सोमवार को सूर्योदय से रात्रि 11:49 तक सोमवती अमावस्या है। साल 2017 में सोमवती अमावस्या भाग्यवश दो बार आएगी। पहली बार सोमवार दिनांक 21.08.17 को भाद्रपद अमावस्या के रूप में मनाई जाएगी व दूसरी बार सोमवार दिनांक 18.12.17 को पौष अमावस्या के रूप में मनाई जाएगी। शास्त्रनुसार सोमवती अमावस्या के विशिष्ट व्रत पूजन व उपायों से सुहागनों को सुख-सौभग्य प्राप्त होता है तथा उनको अखंड सौभाग्य का वरदान मिलता है। सुहागिनें अश्वत्थ अमावस्या पर अपने पतियों की दीर्घायु हेतु व्रत रखकर पीपल पूजन करके धान, पान व खड़ी हल्दी को मिला कर उसे विधानपूर्वक तुलसी पर चढ़ाती हैं। इस दिन पीपल के वृक्ष की दूध, जल, पुष्प, अक्षत, चंदन से पूजा की जाती है। पीपल के चारों ओर 108 बार सूत लपेट कर परिक्रमा करने का विधान है। महाभारत के अनुसार इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने वाला व्यक्ति समृद्ध, स्वस्थ्य व सर्व दुख रहित होता है। इस दिन तीर्थ तट पर नदियों व सावरों में पितृओं के निमित स्नान, पिण्ड दान व तर्पण करने से पितृश्राप व पितृदोष से मुक्ति मिलती है।