नोटबंदी की वजह से हुआ राजस्व में इजाफा, 5400 करोड़ रुपये की अघोषित आय की भी हुई पहचान

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने शुक्रवार (29 सितंबर) को कहा कि सरकार ने पिछले दो-तीन साल में कर प्रशासन में पारदर्शिता तथा ईमानदारी के लिए कई उपाय किए हैं। आयकर विभाग की पहल पर वित्त मंत्रालय से संबद्ध संसदीय सलाहकार समिति की दूसरी बैठक को संबोधित करते हुए जेटली ने कहा कि आयकर विभाग ने पिछले दो-तीन साल में कर प्रशासन में दक्षता, पारदर्शिता तथा ईमानदारी लाने के लिए कई कदम उठाए हैं। जेटली के पास कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय का भी प्रभार है।

वित्त मंत्रालय की विज्ञप्ति के अनुसार जेटली ने कहा कि 50 लाख रुपये तक की आय वाले करदाताओं के लिए एक पृष्ठ का आईटीआर-एक (सहज) फॉर्म जारी किया गया है। उन्होंने कहा कि ढाई लाख से पांच लाख रुपये की आय वाले लोगों के लिए आयकर की दर को दस प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत किया गया है जो दुनिया में सबसे कम है। वित्त मंत्री ने कहा कि पहली बार गैर कारोबारी कर दाता जिनकी आमदनी पांच लाख रुपये तक है, के लिए कोई जांच नहीं अवधारणा पेश की गई है। इसका उद्देश्य ज्यादा से ज्यादा लोगों को कर दायरे में आने के लिए प्रोत्साहित करना है।

जेटली ने कहा कि इस साल 97 प्रतिशत आयकर रिटर्न इलेक्ट्रॉनिक तरीके से दाखिल किए गए। इनमें से 92 प्रतिशत की जांच 60 दिन में पूरी कर ली गई और 90 प्रतिशत रिटर्न 60 दिन में जारी कर दिए गए। उन्होंने कहा कि पिछले साल नोटबंदी के बाद 9 नवंबर, 2016 से 10 जनवरी, 2017 के दौरान करीब 1,100 छापेमारी की गई. इनमें 610 करोड़ रुपये की संपत्ति का पता चला, जिसमें 513 करोड़ रुपये नकद पकड़े गए।

नोटबंदी के फायदे गिनाते हुए केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा कि प्रत्यक्ष कर संग्रह में 18 सितंबर तक 15.7 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और इस दौरान 5400 करोड़ रुपये की अघोषित आय की भी पहचान हुई है। उन्होंने नोटबंदी के फायदे और इसके बाद आयकर विभाग की मुस्तैदी पर प्रकाश डालते हुए कहा, “मौजूदा वित्त वर्ष में 18 सितंबर तक कुल संग्रहित राशि में 3.7 लाख करोड़ रुपये यानी 15.7 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। वर्ष 2016-17 के दौरान प्रत्यक्ष कर में 8,49,818 करोड़ रुपये यानी 14.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

मंत्री ने कहा कि करदाताओं की संख्या में 2012-13 के 4.72 करोड़ रुपये के मुकाबले 2016-17 में 6.26 करोड़ रुपये वृद्धि हुई है. उन्होंने कहा, “जहां तक काले धन के खिलाफ कदम उठाने का सवाल है विभाग ने सरकार के सत्ता में आने के बाद कई पहल किए हैं. नौ नवंबर को नोटबंदी लागू किए जाने के बाद 10 जनवरी, 2017 तक लगभग 1100 ठिकानों पर छापे मारे गए, जिससे 610 करोड़ रुपये प्राप्त हुए, जिनमें से 513 करोड़ रुपये नकद में प्राप्त हुए हैं।” उन्होंने कहा कि इस दौरान 5400 करोड़ रुपये की अघोषित आय बरामद की गई और उचित कदम उठाने के लिए लगभग 400 मामलों को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंपा गया।

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