कभी थीं आजाद हिंद फौज की सदस्य, 91की उम्र में चढ़ जाती हैं 100 सीढ़ियां, सरकार ने किया सम्मानित
पर्यटन के क्षेत्र में भारतीय संस्कृति की पुरानी परंपराओं को रेखांकित करते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बुधवार को इस क्षेत्र में अपना महत्वपूर्ण योगदान देने वाले लोगों को सम्मानित किया। इन सम्मानित लोगों में एक नाम 91 वर्षीय रमा खांडवाला का भी है जिन्हें स्पेशल बेस्ट टूरिस्ट गाइड के पुरस्कार से नवाजा गया है। एलिफेंटा के बुद्धिस्ट गुफाओं के लिए जाने वाली 120 सीढ़ियों को 86 की उम्र में रमा चुटकी में चढ़ गईं थीं। इतनी ज्यादा उम्र होने के बावजूद रमा आज भी 100 सीढ़ियां आराम से चढ़ सकती हैं। रमा के अंदर इतना स्टेमिना इसलिए है क्योंकि वे सुभाष चंद्र बोस की आजाद हिंद फौज का हिस्सा भी थीं।
रंगून और बर्मा में रानी झांसी रेजिमेंट में रमा ने मार्चिंग और झंडा फहराने के साथ अपना समय बिताया था। इतना ही नहीं इस दौरान उन्होंने राइफल, ब्रेन मशीन गन चलाना भी सीखा था। उस समय जो साहस और कभी न हारने का जज्बा रमा में था वह जज्बा आज इस उम्र में भी कायम है। अपने पिछले दिनों को याद करते हुए रमा ने बताया कि कैसे हॉलेंड से आई एक महिला एक बस्ती के लोगों से इतनी प्रभावित हुई कि उसने भारत में ही रहने की इच्छा जाहिर कर दी थी। बिजनेस स्टैंडर्ड के अनुसार रमा ने कहा कि वे हॉलेंड से आए एक डेलिगेशन को भारत के पश्चिमी भाग की बस्तियों में ले गई थीं। इनमें से एक महिला वहां के लोगों, सफाई और कैसे बच्चे अपने बूढ़े परिजनों का ध्यान रखते हैं उससे काफी प्रभावित हुई थी। यह सब देखने के बाद उस महिला ने वहीं रहने का निर्णय कर लिया था।
एक गाइड होने के नाते रमा ने पर्यटकों को भारत की बेहतरीन जगहों का भ्रमण कराया। इसके साथ ही उन्होंने पर्यटकों को भारतीय संस्कृति, भाव, और अच्छे अनुभव कराए, जो कि कभी किसी अन्य देश के गाइड ने किसी पर्यटक को नहीं कराए होंगे। मुंबई की रहने वाली रमा बहुत ही अच्छी जापानी भाषा बोल लेती हैं। रमा ने विदेशियों को भारती के पश्चिमी हिस्सों के बेहतरीन जगहों की सैर कराई लेकिन अब वे शहर में गाइड की भूमिका निभाती हैं।