गांधी जयंती पर नीतीश का नया संकल्प- बनाना है समृद्ध बिहार, दहेज और बाल विवाह का करें बहिष्कार

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 148वीं जयंती पर सामाजिक सुधार की दिशा में नया संकल्प लिया है। उन्होंने राज्यवासियों से दहेज और बाल विवाह के खिलाफ जंग छेड़ने का आह्वान किया है। शराबबंदी की सफलता से गदगद नीतीश कुमार ने राजधानी पटना के अशोक कन्वेंशन हॉल में आयोजित समारोह में आज (02 अक्टूबर) कहा कि लोग आज के बाद से दहेज ले-देकर होनेवाली शादियों का बहिष्कार करें, उसमें शामिल ना हों। उन्होंने कहा कि मुझे भरोसा है कि एक साल में बाल विवाह और दहेज प्रथा में काफी गिरावट आएगी।

मुख्यमंत्री ने लोगों में जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से नए साल में 21 जनवरी को दहेज प्रथा और बाल विवाह के खिलाफ मानव श्रृंखला बनाने का भी अनुरोध किया है। इस मौके पर नीतीश ने कहा कि बापू को सच्ची श्रद्धांजलि यही होगी कि हम उनके सपनों और आदर्शों को साकार करें और जन-जन तक बापू के विचार पहुंचाएं।

बता दें कि बाल विवाह के खिलाफ कड़े कानून होने के बावजूद यह बिहार में काफी प्रचलित है। खासकर बिहार के ग्रामीण इलाकों में यह कुप्रथा बहुत बड़े स्तर पर फैली हुई है। कुछ वर्ष पहले तक बिहार में होने वाले कुल विवाह में से करीब 69 प्रतिशत बाल विवाह होते थे लेकिन हाल ही में हुए राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-4 में खुलासा हुआ कि लड़कियों की शिक्षा पर जोर के कारण पिछले 10 सालों में यह आंकड़ा घटा है।

इस मौके पर शराबबंदी की सफलता की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि शराबबंदी के बाद बिहार में माहौल बदल गया है। उन्होंने कहा कि लोग पहले शराबबंदी का मजाक उड़ाया करते थे लेकिन अब वही लोग नजरें चुराया करते हैं। सीएम ने कहा कि हालांकि, अभी कुछ लोग शराब के धंधे में शामिल हैं, उन पर प्रशासन सख्त नजर बनाए हुए है। इस मौके पर उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि सभी मुखिया को दहेज प्रथा और बाल विवाह पर रोक लगाने के लिए जिम्मेदार ठहराया जाय। उन्होंने लोगों से अपील की कि अगर आपने एक बार ठान लिया तो दहेज प्रथा और बाल विवाह खत्म हो जाएगा।

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