इस्तीफा देंगे बीएचयू के वीसी? हंगामे के 10 दिन बाद छुट्टी पर गए जीसी त्रिपाठी

निजी कारणों का हवाला देकर बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर जीसी त्रिपाठी सोमवार से छुट्टी पर चले गए हैं। यह जानकारी यूनिवर्सिटी से जुड़े सूत्रों ने दी है। जब इंडियन एक्सप्रेस ने यूनिवर्सिटी के वीसी त्रिपाठी और रजिस्ट्रार से इस मामले में संपर्क करने की कोशिश की तो उधर से फोन और एसएमएस का कोई जवाब नहीं दिया गया। इंडियन एक्सप्रेस ने 28 सितंबर को रिपोर्ट प्रकाशित की थी कि सरकार वीसी त्रिपाठी को छुट्टी पर भेज सकती है। बता दें, कुछ दिन पहले जीसी त्रिपाठी से जब जबरन छुट्टी पर भेजे जाने का सवाल पूछा था तो उन्होंने कहा था कि अगर मुझे सरकार जबरन छुट्टी पर भेजती है तो इस्तीफा दे दूंगा।

त्रिपाठी ने कहा था, ‘मैंने यूनिवर्सिटी के लिए बहुत काम किया है। मेरे रिटायरमेंट के दो महीने बचे हैं। अगर मुझे जबरन छुट्टी पर भेजा जाता है तो यह मेरी बेइज्जती होगी। ऐसे में मैं इस्तीफा दे दूंगा।’ हालांकि, अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि जीसी त्रिपाठी को जबरन छुट्टी पर भेजा गया है या फिर खुद गए हैं। अगर जबरन छुट्टी पर भेजा गया है तो सवाल यह उठता है कि क्या वे अब इस्तीफा दे देंगे?

बीएचयू एक्ट के मुताबिक अगर यूनिवर्सिटी का प्रमुख छुट्टी पर चला जाए तो रेक्टर यूनिवर्सिटी के प्रमुख के रूप में काम करता है। रेक्टर की गैरमौजूदगी में यूनिवर्सिटी का रजिस्ट्रार वीसी का चार्ज संभालता है। त्रिपाठी के छुट्टी पर जाने के बाद अब मानव संसाधन मंत्रालय तय करेगा कि कौन उनकी जगह लेगा। वहीं दूसरी ओर सरकार ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के नए वाइस चांसलर की तलाश शुरू कर दी है। पिछले सप्ताह यूनिवर्सिटी ने अपनी वेबसाइट पर वीसी के पद के लिए आवेदन मांगे थे।

बीएचयू परिसर में एक छात्रा के साथ छेड़छाड़ के बाद छात्राएं विरोध प्रदर्शन करने लगी थीं। छात्राओं ने यूनिवर्सिटी से सुरक्षा की मांग की थी और कहा था कि आरोपियों को पकड़ा जाए। लेकिन यूनिवर्सिटी प्रबंधन की ओर से कोई संतुष्ट जवाब नहीं मिलने की वजह से छात्राओं ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। कैम्पस में प्रदर्शन कर रहीं छात्राओं को हटाने के लिए पुलिस ने उन पर लाठीचार्ज किया। इसके बाद छात्राओं में ज्यादा आक्रोश फैल गया। पुलिस ने छात्राओं के हॉस्टल में घुसकर उनकी साथ मारपीट की थी। इसके बाद इस पर विवाद छिड़ गया। यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर जीसी त्रापिठआी पर सवाल उठने लगे। वाराणसी के स्थानीय प्रशासन ने सीएम योगी को भेजी रिपोर्ट में कहा था कि यूनिवर्सिटी ने इस मामले में लापरवाही बरती है। अगर वह इस मामले का समाधान करना चाहते तो इतना ज्यादा विवाद नहीं होता।

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