अवैध उत्खनन करने वाली कई कंपनियां काली सूची में
त्तर प्रदेश सरकार ने सहारनपुर में अवैध खनन पर कड़ी कार्रवाई करते हुए कई कंपनियों को काली सूची में डाल दिया है। प्रशासन ने इन कंपनियों के दो साल तक खनन पट्टे लेने पर रोक लगा दी गई है। प्रदेश के बहुतत्व व खनिकर्म विभाग के अपर मुख्य सचिव राजप्रताप सिंह ने गुरुवार को बताया कि सहारनपुर के जिलाधिकारी प्रमोद कुमार पांडे की 26 सितंबर 2017 की रिपोर्ट के आधार पर मोहम्मद इकबाल वर्गीय वहीद निवासी मिर्जापॉल थाना बेहट की छह कंपनियों एएमबी बिल्ड प्रॉर्प प्राइवेट लिमिटेड, नेट एग्रो फूड प्राइवेट लिमिटेड, तनवीव हाउसिंग प्राइवेट लिमिटेड, गिरिशो कंपनी प्राइवेट लिमिटेड, मस्टीफ इंड. प्राइवेट लिमिटेड, अपार माइंस मैनेजमेंट सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड की भी जांच होगी।
राज प्रताप सिंह ने यह बताया कि सहारनपुर के मुख्य खनन व्यवसायी मोहम्मद इकबालपुर बाल्ला के साथ-साथ सहारनपुर के नौ अन्य खनन माफियाओं को चिह्नित कर काली सूची में डाल दिया गया है। इनमें बसपा एमएलसी महमूद अली, मोहम्मद इनाम, महबूब आलम, पुनित जैन, नसीम, अमित जैन, मुकेश जैन और दिलशाद शामिल हैं। एमएलसी महमूद अली मोहम्मद इकबाल बाल्ला के छोटे भाई हैं। खनन विभाग के निदेशक व विशेष सचिव डा. बलकार सिंह ने बताया कि सहारनपुर के रणवीर सिंह की सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका के आदेश पर केंद्र सरकार के वित्त मंत्रालय के गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय के जांच में भी इन कंपनियों की अनियमितताएं सामने आई थी।
सभी बातों को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने सहारनपुर में पिछले दस सालों के दौरान हुए अवैध खनन के मामलों की जांच शुरू कर दी है। राज्य सरकार आगे भी इन चिह्नित कंपनियों और उनके स्वामियों पर कड़ी निगरानी रखेगी। सहारनपुर के कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने कहा कि अवैध खनन को रोकने के लिए खनन के लिए चिह्नित क्षेत्रों में पीएसी और पुलिस बल तैनात किया गया है। दो दिन पहले ही कृषि मंत्री सूर्यप्रताप शाही की शिकायत पर बेहट के थानाध्यक्ष को मुअत्तल किया गया था। वहां के नए एसएचओ एमपी सिंह खनन की सूचना मिलने पर यमुना नदी के असलमपुर वर्था घाट पर पहुंचे तो वहां 50-60 लोग खनन करते पाए गए। पुलिस को उन्हें भगाने के लिए हवाई फायरिंग करनी पड़ी।