लोकसभा चुनाव में होगा वीवीपैट का उपयोग: वेंकटेश्वर
उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी एल. वेंकटेश्वर लू ने कहा कि केंद्रीय निर्वाचन आयोग ने आगामी लोकसभा चुनाव में सौ फीसद मतदान केंद्रों पर इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के साथ वोटर वेरीफाइड पेपर आडिट ट्रायल (वीवीपैट) मशीन लगाने का निर्णय लिया है। इसके बाद ईवीएम से छेड़छाड़ पर बहस अपने आप खत्म हो जाएगी। वह गुरुवार को आयुक्त सभागार में देवीपाटन मंडल के सभी जनपदों के जिलाधिकारियों के साथ मतदान केंद्रों के भौतिक सत्यापन व संविभाजन व सेवा मतदाताओं की सूची बनाने की प्रगति की समीक्षा करने के बाद पत्रकारों से कही। मुख्य निर्वाचन अधिकारी का पदभार ग्रहण करने के बाद जिले के एक दिवसीय दौरे पर वेंकटेश्वर लू यहां आए। उन्होंने कहा कि ईवीएम के साथ छेड़छाड़ की कोई गुंजाइश ही नहीं है किन्तु बीते दिनों कुछ राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों के बाद इसको लेकर तरह-तरह की बातें की गईं।
उन्होंने दावा किया कि ईवीएम के साथ थोक में छेड़छाड़ की तो कल्पना भी नहीं की जा सकती किंतु कुछ लोगों ने राजनीतिक एजंडे के तहत अथवा अज्ञानता वश इस पर खूब चर्चा की। उन्होंने कहा कि निर्वाचन आयोग आम जनमानस के बीच से गलत फहमियां दूर करना चाहता है। इसके तहत आयोग ने वर्ष पर्यन्त सुव्यवस्थित मतदाता शिक्षा व निर्वाचक सहभागिता (स्वीप) कार्यक्रम चलाने का निर्णय लिया है, जिससे ईवीएम के प्रति लोगों का अंधविश्वास दूर हो और उनमें वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित किया जा सके।
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य में मतदान प्रतिशत में अपेक्षित बढ़ोतरी न होने से भी आयोग चिंतित है। आने वाले चुनावों में आयोग स्वतंत्र, निष्पक्ष व शांतिपूर्ण मतदान के साथ-साथ व्यापक जनप्रतिभागिता युक्त मतदान पर अपना ध्यान केंद्रित करेगा। उन्होंने कहा कि मतदान के माध्यम से लोकतंत्र को मजबूत करना हम सबकी सामूहिक भागीदारी है। मतदान न करने वाले व्यक्ति का लोकतंत्र में कोई अस्तित्व नहीं है। यदि हम अच्छे जन प्रतिनिधि चुनकर भेजेंगे तो सुशासन की कल्पना कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि गलत आचरण वाले व्यक्ति को नकारना हमारी जिम्मेदारी होनी चाहिए। मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि अगर निकट भविष्य में उत्तर प्रदेश में कोई चुनाव नहीं होने जा रहा है किंतु मतदाताओं में जागरूकता फैलाने का प्रयास हमने शुरू कर दिया है। गेहूं की अच्छी फसल लेने के लिए किसान को समय से पूर्व खेत की जुताई-गुड़ाई करते रहना होगा अन्यथा खेत का छोड़ देने पर उसमें बबूल ही उगेगा।
एक प्रश्न के जवाब में उन्होंने कहा कि वर्तमान व्यवस्था के तहत मतदान की तिथि पर जेल में निरुद्ध सभी लोगों को व्यावहारिक कारणों से मतदान कराया जाना संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि जेल में निरुद्ध किसी व्यक्ति को चुनाव लड़ने की अनुमति इस आधार पर मिल जाती है क्योंकि उनकी संख्या बहुत कम होती है। लू ने निकट भविष्य में केवल मुकदमा दर्ज हो जाने के आधार पर किसी भी व्यक्ति को चुनाव लड़ने से वंचित किए जाने की संभावना से साफ इनकार किया। न्होंने कहा कि वर्तमान नियमों के अनुरूप किसी भी सजायाफ्ता व्यक्ति के चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध है। इससे पूर्व अधिकारियों के साथ बैठक में उन्होंने निर्देश दिया कि जर्जर व अनुपयुक्त मतदान केंद्रों व मतदेय स्थलों का भौतिक सत्यापन कराकर कारण सहित यह सुनिश्चित कर लें कि कहां-कहां बदलाव किया जाना है।
इसके अलावा मतदान कार्य में लगाए जाने वाले कार्मिकों का सौ फीसद मतदान सुनिश्चित कराने के लिए उन्होंने अभी से तैयारी शुरू करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि पुलिस विभाग सहित अन्य सभी विभागों के कार्मिकों का ब्योरा अभी से कम्प्यूटर पर दर्ज कराना शुरू कर दें। इस मौके पर देवीपाटन मंडल के आयुक्त एसवीएस रंगाराव, राज्य के उप मुख्य निर्वाचन अधिकारी रत्नेश सिंह, जिलाधिकारी बलरामपुर राकेश कुमार मिश्र, जिलाधिकारी बहराइच अजय दीप सिंह, जिलाधिकारी श्रावस्ती दीपक मीणा, प्रभारी जिलाधिकारी गोण्डा दिव्या मित्तल समेत मंडल के सभी अपर जिलाधिकारी व सहायक निर्वाचन अधिकारी मौजूद रहे।