रेलवे टिकट हो सकता है सस्ता, यह बड़ा कदम उठाने का सोच रही सरकार

डेबिट और क्रेडिट कार्ड से रेल टिकट बुक करने पर लगने वाला एमडीआर (मर्चेंट डिस्काउंट रेट) चार्ज वापस लेने पर सरकार विचार कर रही है, जिससे टिकट की कीमतें सस्ती हो जाएंगी। रेल मंत्री पीयूष शर्मा ने गुरुवार को कहा कि वह फिलहाल बैंकों से बात कर रहे हैं ताकि यह तय हो सके कि ई-टिकट बुक करने वाले यात्रियों के सिर से एमडीआर के बोझ को कैसे कम किया जा सकता है। सीआईआई और डब्ल्यूईएफ द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित इंडिया इकनॉमिक समिट में गोयल ने कहा, आईआरसीटीसी ने मर्चेंट डिस्काउंट रेट यात्रियों के हवाले कर दिया है। मैं उनसे इसे हटाने को कहा है और इसी को लेकर बैंकों से भी बात की जा रही है। गोयल ने कहा कि यह अगले दो-तीन दिनों में हो जाएगी।

इससे पहले फ्लेक्सी किरायों के बोझ के तले दबे यात्रियों के लगातार शिकायत के बाद रेलवे ने तय किया था कि वो फ्लेक्सी किराया टिकट मूल्य प्रणाली की समीक्षा के साथ मूल्य में भी कटौती करेगा। रेलवे की तरफ से पिछले साल यह योजना राजधानी, शताब्दी और दुरंतो जैसी प्रीमियम ट्रेनों के लिए लागू की गई थी, जिसमें दस प्रतिशत सीट सामान्य किराये पर बुक की जाती थी और इसके बाद हर दस प्रतिशत सीट को दस प्रतिशत बढ़ोतरी के साथ बुक किया जाता था। इसमें अधिकतम 50 प्रतिशत की वृद्धि की जा सकती थी। फ्लेक्सी किराया प्रणाली के जरिए रेलवे की 540 करोड़ रुपये की कमाई हुई है। अब जब रेल यात्री लगातार किराये को लेकर शिकायत भेज रहे हैं तो रेलवे ने विचार किया है कि वो बहुत ही जल्द किराये में कटौती करेगा।

केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कुछ दिनों पहले कहा था कि रेलवे की फ्लेक्सी किराया योजना में बदलाव किया जा सकता है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि यात्रियों पर कर का बोझ लादे बगैर राजस्व अर्जन हो सके। एक वर्ष से भी कम समय में इसके कारण रेलवे को अतिरिक्त 540 करोड़ रुपये की कमाई हुई है। गोयल ने कहा, ‘‘लोगों ने मेरे संज्ञान में फ्लेक्सी किराया योजना को लाया है। इसे और बेहतर किया जा सकता है कि ताकि लोगों की जेब पर बोझ नहीं पड़े और राजस्व के लक्ष्य को भी हासिल किया जा सके।’’

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