नहीं सुधरा चीन, डोकलाम के नजदीक बनाई सड़क, अभी भी बने हुए हैं 1100 सैनिक
सिक्किम स्थिति अंतरराष्ट्रीय सीमा पर भारत और चीन के बीच डोकलाम घाटी में गतिरोध खत्म होने के पाँच हफ्ते बाद भी भारतीय सैनिक काफी अधिक ऊँचाई वाली इस चौकी पर बने हुए हैं। वहीं करीब 1100 चीनी सैनिक भी डोकलाम घाटी में पिछले गतिरोध की जगह से कुछ सौ मीटर दूर तैनात हैं। भारत सरकार के सूत्रों ने इंडियन एक्सप्रेस को ये जानकारी देते हुए कहा कि चीन द्वारा इस इलाके में किसी और गतिरोध की शुरुआत की आशंका कम है। जून में डोकलाम घाटी में दोनों देशों के बीच शुरू हुआ गतिरोध 28 अगस्त को टूटा। उस दिन से ही दोनों देशों ने विवादित स्थल से अपने-अपने सैनिक हटाने शुरू किए। सूत्रों के अनुसार चीन ने अपनी एक बटालियन अभी डोकलाम घाटी में ही तैनात रखी है। चीन की बटालियन विवादित स्थल से करीब 800 मीटर पीछे तैनात है।
गुरुवार (पांच अक्टूबर) को भारतीय वायु सेना के एयर चीफ मार्शल बीएस धनोआ ने अपनी वार्षिक पत्रकार वार्ता में भी चुम्बी घाटी (जहां डोकलाम स्थिति है) में चीनी सैनिकों की मौजूदगी की बात स्वीकार की। इंडियन एक्सप्रेस ने 25 सितंबर को रिपोर्ट की थी कि गतिरोध के दौरान चीन ने करीब 12 हजार सैनिक, 150 टैंक और तोपें सिक्किम के दूसरी तरफ फारी दजांग में तैनात किए थे। सूत्रों के अनुसार चुम्बी घाटी में अभी भी चीनी ब्रिगेड मौजूद है। हालांकि अगले कुछ हफ्तों में करीब दो-तिहाई चीनी सैनिकों को हटाए जाने की उम्मीद है।
सूत्रों के अनुसार चीनी सेना में चुम्बी घाट में बनाए गये टेंट और दूसरे अस्थायी निर्माण को अभी खत्म नहीं किया है। वहीं भारतीय सेना चीनी सेना की वहां मौजूद टुकड़ी पर नजर रखे हुए है। सूत्रों की अनुसार चीनी सेना अभी भी सड़क बनाने का सामान वहाँ रखे हुए है। दोनों देशों के बीच गतिरोध चीन द्वारा भूटान के डोकलाम इलाके में सड़क बनाने की कोशिश से ही शुरू हुआ था। भारतीय सैनिकों ने चीनी सैनिकों को सड़क बनाने से रोक दिया था। इंडियन एक्सप्रेस ने सात सितंबर को खबर दी थी कि दोनों देश गतिरोध की जगह से करीब 150 मीटर पीछे हट गये हैं। चीन में हुई ब्रिक्स देशों की बैठक के बाद पांच सितंबर को भारतीय सैनिक डोका ला स्थित अपनी चौकी पर वापस आ गये थे लेकिन चौकी पर सैनिकों क संख्या पहले से बढ़ गयी है। सूत्रों के अनुसार विवाद से पहले तुलना में करीब तीन गुना ज्यादा भारतीय सैनिक गतिरोध वाले इलाके के आसपास के इलाकों में तैनात किये जा चुके हैं।
सूत्रों के अनुसार भारतीय सेना ने भी डोका ला में सड़क निर्माण के सारे साजोसामान इकट्ठा कर रखे हैं। वहीं सेना ने अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम में गश्त में तेजी लाने के भी कई उपाय किए हैं। सीमावर्ती इलाकों में सैन्य परिवहन बेहतर करने के लिए ट्रैक और हेलीपैड भी बनाए जा रहे हैं। भारतीय रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमन शनिवार (सात अक्टूबर) को अरुणाचल प्रदेश के दौरे पर जाने वाली हैं। चीन अरुणाचल प्रदेश के कुछ इलाकों को तिब्बत का हिस्सा बताता है। रक्षा मंत्री के तौर पर सीतारमन का अरुणाचल प्रदेश का यह पहला दौरा होगा।