पीएम नरेंद्र मोदी पर फिर यशवंत सिन्हा का निशाना- जनादेश अर्थव्यवस्था सुधारने को मिला था, UPA पर आरोप मढ़ने नहीं

अर्थव्यवस्था पर पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधा है। सिन्हा ने कहा कि आपको गिरती हुई अर्थव्यवस्था को संभालने के लिए जनादेश मिला था, ना कि पिछली सरकारों पर आरोप मढ़ने के लिए। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अगले चुनाव में आपको लोग आपके प्रदर्शन और आपके द्वारा किए गए वादों से जज करेंगे। सिन्हा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहते हैं कि हम लोग निराशा फैला रहे हैं तो उन्होंने सुधारात्मक कदम उठाने का फैसला क्यों किया?

एनडीटीवी.कॉम से बातचीत में सिन्हा ने कहा कि मेरी आलोचना के बाद सरकार हरकत में आई है। उन्होंने कहा, ‘अगर हम लोग केवल निराशा ही फैला रहे हैं तो सरकार ने तेल पर एक्साइज ड्यूटी क्यों घटाई और फिर जीएसटी परिषद की बैठक क्यों की जा रही है?” इसके साथ ही सिन्हा ने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा, ‘देश की गिरती हुई अर्थव्यवस्था पर मनमर्जी करने और जब उसके बारे में पूछा जाए तो इसका आरोप पिछली सरकार पर लगाने के लिए आपको यह जनादेश नहीं मिला था। अगले चुनाव में आपको आपके प्रदर्शन और आपके द्वारा किए गए वादों के आधार पर लोग आपको जज करेंगे।’

सिन्हा ने भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह पर भी निशाना साधा। उनका कहना है कि आर्थिक नीतियां तय करने में शाह की अनावश्यक रूप से बड़ी भूमिका होती है। उन्होंने कहा, ‘जब राजनीतिक और आर्थिक मामलों पर कैबिनेट कमेटी है, जिसके कई अन्य मंत्री हिस्सा हैं, लेकिन उनमें से किसी को नहीं बुलाया गया। अब सवाल यह उठता है कि पार्टी अध्यक्ष कैसे सीधे तौर पर सरकार चलाने या अहम फैसले लेने में शामिल हो सकता है।’ यह बात उन्होंने दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री अरुण जेटली से मुलाकात के लिए केरल दौरा बीच में छोड़कर आने के फैसले के संदर्भ में कही।

बता दें, यशवंत सिन्हा ने इंडियन एक्सप्रेस अखबार में एक लेख लिखकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों की आलोचना की थी। उन्होंने कहा था कि इस सरकार ने देश की अर्थव्यवस्था को नीचे गिरा दिया है। साथ ही नोटबंदी के फैसले पर भी सिन्हा ने इस लेख के जरिए सवाल उठाए थे। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने सरकार का बचाव करते हुए कहा था कि ‘कुछ लोग केवल निराशा फैलाते हैं’।

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