दसवीं और बारहवीं में अब नंबरों की बरसात नहीं
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) सहित देश का कोई भी बोर्ड अगले वर्ष होने वाली बोर्ड की परीक्षाओं (कक्षा दस और बारह) में बढ़ा-चढ़ा क र अंक नहीं देगा। इस संबंध में केंद्रीय मानव संसाधन विकास (एचआरडी) मंत्रालय की ओर से सभी राज्यों और सभी बोर्ड को परामर्श जारी किया गया है। सभी बोर्ड और राज्यों को इस पर निर्णय लेकर 31 अक्तूबर तक मंत्रालय को अवगत करना है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय के स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग के सचिव अनिल स्वरूप की ओर से जारी इस परामर्श में कहा गया कि सभी बोर्ड इसी शैक्षणिक सत्र से बढ़ा-चढ़ा कर अंक देने की प्रवृत्ति को पूरी तरह से बंद करेंगे। इसके तहत कुछ मामलों को छोड़ कर अंकों के मॉडरेशन पर भी पूरी तरह से पाबंदी होगी।
बोर्ड सिर्फ प्रश्नपत्र में अस्पष्टता, सेट की बौद्धिकता स्तर में अंतर और विश्लेषण के आधार पर मूल्यांकन प्रणाली में अनिश्चितता के मामले में पारदर्शी मॉडरेशन नीति को अपना सकते हैं। हालांकि सभी विद्यार्थियों को एक साथ कुछ अंक देने या सभी के अंकों को बढ़ाने पर पूरी तरह से रोक होगी। यह परामर्श सीबीएसई के पूर्व चेयरमैन आरके चतुर्वेदी की अध्यक्षता में बने अंतर बोर्ड कार्यकारी समूह की सिफारिश पर जारी किया गया है जिसकी बैठक पिछले साल अप्रैल में हुई थी। गुजरात, जम्मू-कश्मीर, केरल, तेलंगाना, छत्तीसगढ़, मणिपुर और आइसीएसइ इस समूह के सदस्य थे। इस समूह का गठन मॉडरेशन नीति की समीक्षा के लिए ही किया गया था। परामर्श में यह भी कहा गया है कि मॉडरेशन नीति को खत्म करना नीतिगत फैसला है और यह तभी सफलतापूर्वक लागू हो सकता है जबकि सभी बोर्ड इसका पारदर्शी तरीके से और एक साथ पालन करें।
सीबीएसई ने इसे लागू करने की हामी भर दी है और अन्य बोर्ड से इस तरह की अपेक्षा है। सभी बोर्ड से इस संबंध में निर्णय लेकर 31 अक्तूबर तक स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग के सचिव अनिल स्वरूप को अवगत कराने के लिए भी कहा गया है। गौरतलब है कि पिछले साल भी सभी बोर्ड मॉडरेशन और बढ़ा-चढ़ा कर अंक देने की नीति को बंद करने के पक्ष में थे। लेकिन परिणाम जारी होने का समय नजदीक होने से कुछ बोर्ड ही इसका पालन कर पाए थे।