कठुआ-उन्नाव गैंगरेप: दुनिया के 600 शिक्षाविदों ने लिखी PM मोदी को चिट्ठी, चुप्पी पर उठाए सवाल

दुनिया भर के 600 से अधिक शिक्षाविदों और विद्वानों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खुला पत्र लिखकर कठुआ और उन्नाव बलात्कार मामलों पर अपनी नाराजगी का इजहार करते हुए उन पर देश में बने गंभीर हालात पर चुप्पी साधे रहने का आरोप लगाया। शनिवार को यह खत ऐसे समय में आया जब कठुआ और सूरत में नाबालिग बच्चियों के बलात्कार और हत्या एवं उन्नाव में एक लड़की से बलात्कार को लेकर देशभर में आक्रोश के बीच केंद्रीय मंत्रिमंडल ने शनिवार को ही 12 वर्ष और उससे कम उम्र की बच्चियों से बलात्कार के मामले में दोषी पाये जाने पर मृत्युदंड सहित कड़े दंड के प्रावधान वाले अध्यादेश को मंजूरी दी।

प्रधानमंत्री को संबोधित पत्र में कहा गया है कि वे कठुआ और उन्नाव एवं उनके बाद की घटनाओं पर अपने गहरे गुस्से और पीड़ा का इजहार करना चाहते हैं। पत्र में लिखा गया, ‘‘हमने देखा है कि देश में बने गंभीर हालत पर और सत्तारूढ़ों  के हिंसा से जुड़ाव के निर्विवाद संबंधों को लेकर आपने लंबी चुप्पी साध रखी है।’’ इस पत्र पर न्यूयॉर्क विश्वविद्यालय, ब्राउन विश्वविद्यालय, हार्वर्ड एवं कोलंबिया विश्वविद्यालयों एवं विभिन्न आईआईटी के शिक्षाविदों और विद्वानों ने हस्ताक्षर किए हैं।

वहीं जम्मू कश्मीर के कठुआ जिले में दुष्कर्म के बाद मारी गई बच्ची के पिता ने केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा 12 वर्ष से कम उम्र की बच्चियों से दुष्कर्म के दोषियों को फांसी की सजा दिए जाने के अध्यादेश को मंजूरी दिए जाने के बाद अब न्याय मिलने की उम्मीद जताई है। उन्होंने कहा, ‘‘दुष्कर्म के दोषियों को मौत की सजा देने का अध्यादेश पारित किया जाना अच्छा कदम है। हमें न्याय मिलने की उम्मीद है।’’ लड़की के पिता ने कहा, ‘‘हम साधारण लोग हैं और ऐसे फैसलों की बारीकियों के बारे में नहीं जानते।” उन्होंने हालांकि कहा कि सरकार जो कर रही है अच्छा कर रही है। हमें अपनी बच्ची के लिए न्याय मिलने की उम्मीद है।

 

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