तमिलनाडु के तूतिकोरिन स्टर्लाइट प्लांट में खतरनाक सल्फ्यूरिक एसिड के लीक होने की खबर से मचा हड़कंप

बीते दिनों पुलिस फायरिंग में 13 लोगों की मौत का गवाह बना तमिलनाडु के तूतिकोरिन का स्टर्लाइट प्लांट अब एक बार फिर चर्चाओं में है। दरअसल स्टर्लाइट प्लांट से खतरनाक सल्फ्यूरिक एसिड के लीक होने की खबर आयी है। प्लांट के सिक्योरिटी गार्ड्स को सबसे पहले इस एसिड लीक की जानकारी हुई, जिसके बाद उन्होंने प्लांट के शीर्ष अधिकारियों को इसकी जानकारी दी। बता दें कि सल्फ्यूरिक एसिड इंसानी स्वास्थ्य के लिए बेहद नुकसानदायक होता है। इसका इस्तेमाल आमतौर पर केमिकल और फर्टिलाइजर बनाने वाली कंपनियां करती हैं। फिलहाल डिप्टी कलेक्टर की अध्यक्षता वाली एक टीम इस समस्या के समाधान में जुटी है। वहीं तूतीकोरिन के जिलाधिकारी का कहना है कि एसिड लीक की इस घटना से किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। हालांकि आशंका जतायी जा रही है कि इस एसिड लीक की घटना से फिर से प्लांट के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरु हो सकते हैं, जिसके चलते प्लांट के आस-पास सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं।
वहीं स्टर्लाइट प्लांट की मालिकाना कंपनी वेदांता का कहना है कि उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों से मांग की है कि उनकी कंपनी के अधिकारियों को प्लांट के अंदर जाने दिया जाए, जिससे वह समस्या का समाधान कर सकें और लोगों को इससे कोई परेशानी ना उठानी पड़े। वेदांता ने रायटर्स को दिए अपने एक बयान में कहा है कि ‘इस तरह की घटनाएं मेंटिनेंस की कमी के कारण हो जाती है। हमनें राज्य सरकार से मांग की है कि हमें थोड़ी मैनपावर और बिजली उपलब्ध करायी जाए, ताकि सुरक्षा के लिए आवश्यक ऑडिट नियमित अंतराल पर कराए जा सकें। 28 मई , 2018 को अचानक प्लांट बंद करने के बाद से हम वहां नहीं जा सके हैं।’
बता दें कि तूतीकोरिन के इस स्टर्लाइट प्लांट का विरोध लंबे समय से स्थानीय निवासियों और पर्यावरणविदों द्वारा किया जा रहा था। लोगों का कहना है कि इस प्लांट में कॉपर निर्माण के कारण उन्हें वायु प्रदूषण और जल प्रदूषण जैसी बड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। जिससे कई गंभीर बीमारियां फैल रही हैं। यही वजह रही कि बीते माह यह विरोध अचानक हिंसक हो उठा। जिसके बाद स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश में पुलिस फायरिंग में यहां 13 लोगों की मौत हो गई थी।