अफगानिस्तान में सुरक्षा कर्मियों और तालिबान आतंकियों के बीच संघर्ष में पचास लोगों की मौत
अफगानिस्तान के लोगर प्रांत में तालिबान के साथ संघर्ष में सुरक्षा कर्मियों और नागरिकों सहित पचास लोग मारे गए। समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने बताया कि तालिबानी आतंकवादियों ने अजरा जिले और आसपास के क्षेत्रों पर हमला किया जिसके बाद सोमवार देर रात संघर्ष शुरू हुआ। एक अधिकारी ने बताया, “आतंकवादी जिले के मध्य के पास तक पहुंच गए थे। आतंकवादियों व सुरक्षा बलों के बीच अजरा के विभिन्न हिस्सों में भयंकर मुठभेड़ हुई। इस मुठभेड़ में कई आतंकवादी मारे गए व घायल हुए लेकिन उनकी संख्या का खुलासा नहीं किया गया है। इससे पहले ही अफगानिस्तान के पूर्वी प्रांत परवान में रविवार को सैन्य काफिले के पास हुए आत्मघाती कार बम विस्फोट में सात लोग घायल हो गए। पुलिस ने यह जानकारी दी। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, विस्फोट प्रांत की राजधानी चारीकार के बाहरी इलाके खलाजई इलाके में हुआ।
इससे पहले अफगानिस्तान के गरदेज शहर में शुक्रवार को एक शिया मस्जिद में हुए दो विस्फोटों में कम से कम 35 लोगों की मौत हो गई और 70 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे। यह विस्फोट दोपहर बाद करीब 1.30 बजे उस समय हुए, जब लोग गरदेज शहर के पुलिस जिला 2 में इमाम-ए-जमान मस्जिद में जुमे की नमाज अदा कर रहे थे। गरदेज शहर पूर्वी पकटिया प्रांत की राजधानी है।
टोलो न्यूज ने पकटिया पुलिस प्रमुख के हवाले से कहा कि दो बंदूकधारी मस्जिद में दाखिल हो गए और उन्होंने खुद को उड़ाने से पहले नमाजियों पर गोलीबारी की। मस्जिद की इमारत विस्फोट से क्षतिग्रस्त हो गई। हमलावारों ने हमले के दौरान हथगोलों को इस्तेमाल किया। प्रांतीय स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख वलायत अहमदजई ने मृतकों की संख्या की पुष्टि की थी।
अहमदजई ने कहा, “बहुत से घायलों को सेना के अस्पताल अफगाान सेना कॉर्प 203 थांडेर में गहन चिकित्सा के लिए भर्ती कराया गया था, क्योंकि सरकारी अस्पताल सभी पीड़ितों को उपचार मुहैया कराने में सक्षम नहीं थे। टोलो न्यूज के अनुसार, उन्होंने चेताया कि मृतकों की संख्या बढ़ सकती है, क्योंकि बहुत से घायलों की हालत गंभीर बनी हुई है। हमले के समय करीब 600 लोग मस्जिद के अंदर थे।
सुरक्षा बलों ने एहतियाती उपाय के तौर पर ख्वाजा हसन के आसपास के इलाके को घेर लिया है। यह शिया अफगान बहुल इलाका है। किसी भी समूह ने हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है। राष्ट्रपति अशरफ गनी ने हमले की निंदा की और इसे अमानवीय बताया। बीते कुछ महीनों से अफगानिस्तान में शिया मस्जिदों को आतंकी हमले का निशाना बनाया जा रहा है। इसमें ज्यादातर हमलों की जिम्मेदारी इस्लामिक स्टेट संगठन ने ली थी।