उत्तर प्रदेश के नारी संरक्षण गृह सेक्स रैकेट का नया खुलासा: नोटिस के बाद भी नहीं कराया गया था बंद

बिहार के मुजफ्फरपुर स्थित बालिका आश्रय गृह (शेल्टर होम) में बच्चियों के साथ हुए रेप के खुलासे के बाद उत्तर प्रदेश के देवरिया में भी ऐसे ही एक मामले का खुलासा हुआ है। देवरिया के नारी संरक्षण गृह में भी देह व्यापार (सेक्स रैकेट) चलाया जाता था। संरक्षण गृह से भागी एक लड़की ने पुलिस को यह जानकारी दी तो हड़कंप मच गया। अब इस मामले में एक बाद एक खुलासे हो रहे हैं। सबसे बड़ा खुलासा यह हुआ है कि 15 से 20 नोटिस मिलने के बाद भी इस इस ओर ध्यान नहीं दिया गया। योगी सरकार ने इस मामले में सख्त कदम उठाते हुए देवरिया के जिलाधिकारी सुजीत कुमार को हटा दिया है। पूर्व जिला प्रोबेशन अधिकारी अभिषेक पांडेय को निलंबित कर दिया गया है। वहीं, दो अन्य डीपीओ पर भी विभागीय कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।

इस पूरे मामले में देवरिया के जिलाधिकारी की लापरवाही बताई जा रही है। डीएम पर आरोप है कि साल भर पहले निर्देश मिलने के बावजूद उन्होंने संस्था को बंद करवाने के लिए किसी तरह की कार्रवाई नहीं की। राज्य की महिला कल्याण मंत्री ने बताया कि, ” देवरिया स्थित शेल्टर होम में कई अवैध गतिविधियां चल रही थी। इस गृह को बंद करवाने के लिए महिला कल्याण विभाग ने 15 से 20 नोटिस डीएम को भेजी थी।  यहां रह रही महिलाओं को दूसरे गृहों में भेजने का आदेश दिया गया। लेकिन जिलाधिकारी द्वारा किसी भी आदेश का पालन नहीं करवाया गया।” इस घटना के सामने आने के बाद पूरे राज्य में चल रहे आश्रयगृहों की जांच की जा रही है। सभी जिलाधिकारियों से रिपोर्ट मांगी गई है।

लक्जरी गाडि़यों से दूसरे जिलों में भेजी जाती थी लड़कियां: बिहार के मुजफ्फरपुर स्थित बालिका आश्रय गृह की तरह यहां रहने वाली लड़कियों और महिलाओं से भी जबरदस्ती की जाती थी। उन्हें भी लक्जरी गाडि़यों में बैठाकर देह व्यापार के लिए दूसरे जिलों में भेजा जाता था। छोटी बच्चियों से झाड़ू-पोछा का काम करवाया जाता था और नहीं करने पर पिटाई की जाती थी। वहीं, बिहार और उत्तर प्रदेश की घटना से सबक लेते हुए दिल्ली में चल रहे सभी आश्रयगृहों की जांच करवाने का निर्णय लिया गया है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने जांज के निर्देश दिए हैं। वहीं, दिल्ली महिला आयोग ने भी सभी आश्रय गृहों के जांच के लिए तीन महीने का समय तय किया है।

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