भारत ने 700 किलोमीटर की मारक क्षमता वाली अग्नि-1 बैलिस्टिक मिसाइल का किया सफल परीक्षण

भारत ने परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम अग्नि-1 बैलिस्टिक मिसाइल का ओडिशा तट के पास एक परीक्षण रेंज से आज (6 फरवरी) सफल परीक्षण किया। इस मिसाइल की मारक क्षमता 700 किलोमीटर से अधिक है। रक्षा सूत्रों ने बताया कि सतह से सतह पर मार करने में सक्षम और देश में विकसित इस मिसाइल का परीक्षण संचालनात्मक तैयारी को मजबूत करने के लिए सेना की ‘स्ट्रैटेजिक फोर्सेस कमांड’ (एसएफसी) की समय-समय पर की जाने वाली प्रशिक्षण गतिविधि के तहत किया गया है। सूत्रों ने बताया कि इस अत्याधुनिक मिसाइल का परीक्षण ‘डॉ अब्दुल कलाम द्वीप’ पर एकीकृत परीक्षण रेंज (आईटीआर) के पैड 4 पर मोबाइल लॉन्चर से सुबह करीब साढ़े आठ बजे किया गया। ‘डॉ अब्दुल कलाम द्वीप’ को पहले व्हीलर आईलैंड के नाम से जाना जाता था।

उन्होंने इस परीक्षण को ‘‘पूरी तरह सफल’’ करार देते हुए कहा कि परीक्षण के दौरान मिशन के सभी उद्देश्य पूरे हुए। सूत्रों ने कहा, ‘‘मिसाइल के प्रक्षेपण से लेकर उसके पूर्ण सटीकता के साथ अपने लक्षित क्षेत्र में पहुंचने तक परीक्षण के प्रक्षेप पथ पर अत्याधुनिक रडारों, टेलीमेट्री अवलोकन स्टेशनों, इलेक्ट्रो-आॅप्टिक उपकरणों और नौसेना के पोतों से नजर रखी गई।’’ उन्होंने बताया कि यह एक ठोस रॉकेट प्रणोदक प्रणाली निर्देशित मिसाइल है और यह विशेष नेविगेशन प्रणाली से युक्त है। यह प्रणाली सुनिश्चित करती है कि मिसाइल अत्यधिक सटीकता के साथ अपने लक्ष्य पर पहुंचे।

सूत्रों ने बताया कि पहले ही सशस्त्र बलों में शामिल की जा चुकी इस मिसाइल ने मारक दूरी, सटीकता और घातकता के मामले में खुद को साबित किया है। 12 टन वजनी और 15 मीटर लंबी अग्नि-1 मिसाइल 1000 किलो तक वजन ले जा सकती है और 700 किलोमीटर तक के लक्ष्य को भेदने में सक्षम है। यह मिसाइल परमाणु हथियार ले जाने में भी सक्षम है।

अग्नि-एक को एडवांस्ड सिस्टम्स लैबोरेटरी (एएसएल) ने रक्षा अनुसंधान विकास प्रयोगशाला (डीआरडीएल) और अनुसंधान केंद्र इमारत (आरसीआई) के सहयोग से विकसित किया है। मिसाइल को भारत डायनामिक्स लिमिटेड, हैदराबाद ने समेकित किया है। एएसएल मिसाइल विकसित करने वाली डीआरडीओ की प्रमुख प्रयोगशाला है।

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