AISCC अध्यक्ष का सवाल- मदरसों से केवल महिलाओं को ही क्यों बुला रहे हैं पीएम नरेंद्र मोदी

टीवी चैनल आजतक के शो ‘हल्ला बोल’ में आज (18 सिंतबर) ‘महिलाओं की आजादी मजहब के ठेकेदारों को नामंजूर!’ मुद्दे पर बहस की गई। बहस में मस्लिम धर्म से जुड़े विद्वान और बीएचपी व भाजपा प्रवक्ता मौजूद थे। कार्यक्रम में विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) प्रवक्ता विजय शंकर तिवारी के अलावा AIMWPLB अध्यक्ष शाइस्ता अंबर, AISCC अध्यक्ष सैफ अब्बास नकवी, भाजपा प्रवक्ता गौरव भाटिया और इस्लामिक विद्वान उमर शरीफ भी मौजूद थे। बहस के दौरान पत्रकार अंजना ओम कश्यप ने गौरव भाटिया से पूछा था कि क्या मुस्लिम धर्मगुरुओं से मुस्लिम महिलाओं की ठेकेदारी छिनती जा रही है। जिसके जवाब में भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि मदरसों में जो बदलाव आ रहा है उससे ये लोग चिंतित हैं। अगर ये कहें कि मदरसा एक माध्यम है जिसके जरिए समाज को शिक्षा दी जाती है तो इसमें महिलाएं क्यों नहीं आगे आएं और इसमें पूरी हिस्सेदारी लें। क्यों नहीं मुस्लिम महिलाओं से डायरेक्ट बात की जा रही है। उनसे बात की जाए और उन्हें जगह दी जाए। जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुस्लिम महिलाओं से खुद जानना चाहते हैं कि वो ऐसा क्या करें जिससे मुस्लिम समाज की महिलाओं का भविष्य उज्जवल हो। इस दौरान AISCC अध्यक्ष सैफ अब्बास नकवी ने कहा, ‘हम मदरसों में हो रहे बदलावों से चिंतित नहीं है बल्कि शिक्षा के बदलाव की वजह से चिंतित हैं।’

वहीं पत्रकार अंजना ओम कश्यप ने सैफ अब्बास नकवी से पूछा कि अगर टीचर मदरसों में आ सकते हैं तो महिलाएं वहां क्यों नहीं आ सकती? इस पर उन्होंने कहा कि मदरसे में ज्यादातर अध्यापक हैं। जबकि मोदी सरकार सिर्फ महिलाओं को ही क्यों बुलाया जा रहा है सवाल इसके ऊपर है। हमसे मदरसे के बारे में बात की जाए। इस दौरान भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि 21वीं सदी में धर्मगुरुओं को मुस्लिम महिलाओं को लेकर अपनी सोच बदली होगी। जवाब में नकवी कह रहे हैं कि आप मुस्लिम महिलाओं को और मुस्लिम मर्दों को अलग करना चाह रहे हैं। हमारा समाज ऊपर उठा है। आप मुसलमानों को बांटने की कोशिश कर रहे हैं। इसलिए सिर्फ महिलाओं को बुलाने का क्या उद्देश्य है। आप मुस्लिमों के घरों में दीवार खड़ी कर रहे हैं।

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