अमेरिका की खुली चेतावनी- पाकिस्तान खुद खत्म करे आतंकी ठिकाने, वरना हम कर देंगे

अमेरिका ने पाकिस्तान को फटकार लगाते हुए कहा है कि अगर पाकिस्तान अपने यहां स्थित आतंकी ठिकानों के खिलाफ खुद कार्रवाई नहीं करता है तो अमेरिका अपने दमपर आतंक के इन पनाहगाहों को तबाह कर देगा। अमेरिका की खुफिया एजेंसी माइक पोम्पियो ने अमेरिकी रक्षा मंत्री जिम मैटिस के इस्लामाबाद दौरे से पहले यह चेतावनी दी है। जिम मैटिस आज पाकिस्तान दौरे पर पहुंचे हैं। वह यहां पर पाकिस्तान के अधिकारियों के साथ अफगानिस्तान में अमेरिका की नयी नीति को लागू करने पर चर्चा करेंगे। जिम मैटिस ने यह बयान कैलिफोर्नियां में रिगन डिफेंस फोरम में एक परिचर्चा के दौरान दिया। जब पत्रकारों ने जिम मैटिस से पूछा कि ट्रंप प्रशासन न्यू अफगान पॉलिसी में पाकिस्तान की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए क्या कर रहा है तो उन्होंने कहा, ‘ रक्षा मंत्री मैटिस पाकिस्तानी अधिकारियों को राष्ट्रपति ट्रंप की सोच से अवगत करा देंगे। मैटिस उन्हें बताएंगे कि अमेरिका को अच्छा लगेगा अगर पाकिस्तान अपने यहां स्थित आतंकी कैंपों पर कार्रवाई करें।’

आगे माइक पोम्पियो ने कहा कि पाकिस्तान में मौजूद आतंकियों के सुरक्षित ठिकानों की वजह से अमेरिका अफगानिस्तान में अपनी क्षमता के मुताबिक कार्रवाई नहीं कर पाता है। उन्होंने कहा कि अगर चीजें अमेरिका के मुताबिक आगे नहीं बढ़ती है तो अमेरिका वो सब कुछ करेगा तो इन आतंकी ठिकानों को नष्ट करने के लिए ज़रूरी होगा। बता दें कि पाकिस्तान स्थित आतंकी कैंपों पर अफगानिस्तान में सुरक्षा बलों पर हमला करने का आरोप लंबे समय से लगता आ रहा है। पाकिस्तानी प्रशासन लंबे समय से इन आरोपों को इनकार करता रहा है।

इस बीच अमेरिका के रक्षा मंत्री जेम्स मैट्टिस सोमवार को पाकिस्तान पहुंच गए। वह पदभार ग्रहण करने के बाद पहली बार पाकिस्तान गए हैं। विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान के मुताबिक, पाकिस्तान पहुंचने पर रक्षा मंत्रालय, विदेश मंत्रालय और अमेरिकी दूतावास ने उनका स्वागत किया। इस दौरे के दौरान मैट्टिस पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी और सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा के साथ बैठकें कर सकते हैं। मैट्टिस ने कहा था कि इस्लामाबाद में शीर्ष नेतृत्व के साथ उनकी चर्चा अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की दक्षिण एशिया नीति पर भी केंद्रित होगी, जिसका ऐलान सितंबर में किया गया था। इस रणनीति के तहत तालिबान को हराने के लिए पाकिस्तान के सहयोग की मांग की गई है।

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