Andhra Pradesh: केंद्र सरकार ने मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू की मांग पूरी की, आंध्र प्रदेश को मिली रिफाइनरी,

मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने कुछ दिनों पहले दिल्ली में पीएम मोदी से भेंट की और अब खबर है कि भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड राज्य में तेल रिफाइनरी स्थापित करने जा रहा है। इस बारे में बात करने के लिए नायडू ने बुधवार को बीपीसीएल के शीर्ष अधिकारियों से मुलाकात की। इसके लिए राज्य में 60 हजार करोड़ का निवेश किया जाएगा।

केंद्र सरकार ने आंध्र प्रदेश में तेल शोधन और पेट्रोकेमिकल हब बनाने की चंद्रबाबू नायडू की मांग मान ली है। कुछ दिनों पहले नायडू ने दिल्ली में मोदी से भेंट की और अब खबर है कि भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड राज्य में तेल रिफाइनरी स्थापित करने जा रहा है। इस बारे में बात करने के लिए नायडू ने बुधवार को बीपीसीएल के शीर्ष अधिकारियों से मुलाकात की। इसके लिए राज्य में 60 हजार करोड़ का निवेश किया जाएगा। यह रिफाइनरी कहां स्थापित होगी यह अभी तय नहीं है लेकिन इसके लिए तीन शहरों के नाम चल रहे हैं। श्रीकाकुलम, मछलीपत्तनम और रामायपत्तनम में से किसके नाम की लॉटरी खुलेगी यह बाद में पता चलेगा। इस बारे में औपचारिक घोषणा 23 जुलाई को केंद्र सरकार के बजट में की जा सकती है।

यूपी और गुजरात में भी रिफाइनरी खोल सकती है बीपीसीएल
बीपीसीएल भविष्य में आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश और गुजरात में तीन और रिफाइनरी खोलने की योजना पर काम कर रही है। अभी उसके पास मुंबई, कोच्चि और बीना में तीन रिफाइनरी है जिनकी तेल शोधन क्षमता 1.2 करोड़ टन प्रति वर्ष है। 

इससे पहले देश के शीर्षस्थ अर्थशास्त्रियों और विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों के साथ पीएम मोदी ने मैराथन बैठक की। इसमें पीएम ने विकसित भारत का लक्ष्य हासिल करने के लिए जरूरी सुधारों और जरूरी बदलाव लाने पर भी विशेषज्ञों की राय ली। करीब तीन घंटे चली इस बैठक में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, नीति आयोग के उपाध्यक्ष, वित्त मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी, कृषि क्षेत्र के विशेषज्ञ प्रो. अशोक गुलाटी, सुरजीत भल्ला, एके भट्टाचार्य, गौरव वल्लभ, अमिता बत्रा, केवी कामथ, महेंद्र देव जैसे आर्थिक क्षेत्र के दिग्गजों ने हिस्सा लिया। 

मध्य और निम्न मध्य वर्ग को राहत पर बात
बैठक में पीएम ने मध्य और निम्न मध्य वर्ग को राहत देने के विशेषज्ञों के सुझावों पर विशेष ध्यान दिया। इस दौरान विशेषज्ञों ने इन वर्गों को राहत देने के मामले में अपने अपने सुझाव सरकार के सामने रखे। विशेषज्ञों के सुझाव इन वर्गों में बचत को बढ़ाने पर केंद्रित थी।