अनिल कुंबले के खुलकर समर्थन में आए राहुल द्रविड़, बर्खास्तगी को बताया दुर्भाग्यपूर्ण

इंडिया ए और इंडिया अंडर-19 के कोच राहुल द्रविड़ ने सोमवार को विराट कोहली और अनिल कुंबले विवाद पर अपनी राय रखी। बेंगलुरु लिटरेचर फेस्टिवल से इतर पूर्व कप्तान राहुल द्रविड़ ने कहा कि उन्हें इस मुद्दे की पूरी जानकारी नहीं है, लेकिन कुंबले को जिस तरह बाहर किया गया, वह नहीं होना चाहिए था। इसके अलावा पूरा मामला मीडिया में आना दुर्भाग्यपूर्ण था। क्रिकबज से बातचीत में 44 वर्षीय राहुल ने कहा, मुझे लगता है कि पूरा मामला मीडिया के सामने आना अनिल के लिए दुर्भाग्यपूर्ण था और यह उनके साथ सही नहीं हुआ। राहुल ने कहा कि सच क्या है और बंद दरवाजे के पीछे क्या हुआ, यह मैं नहीं जानता। इसलिए सीधे तौर पर टिप्पणी नहीं कर सकता। लेकिन अनिल कुंबले जैसे दिग्गज के लिए यह वाकई दुखद था, जिसने भारत के लिए सबसे ज्यादा टेस्ट मैच जिताए हैं। उनका बतौर कोच करियर भी शानदार रहा है।

राहुल ने फुटबॉल मैनेजर्स से तुलना करते हुए बताया कि इस पूरे मामले में अधिकारों का क्या रोल होता है। राहुल ने कहा, कोच को निकाल दिया जाता है। जब आप खेलना छोड़कर बोच बनते हैं तो एक दिन आपको जाना ही पड़ता है। यही सच्चाई है। इंडिया ए और अंडर-19 का कोच होते हुए मैं जानता हूं कि मुझे भी जाना होगा। कुछ फुटबॉल मैनेजर्स को दो मैचों के बाद ही निकाल दिया जाता है। खिलाड़ी कोच से ज्यादा ताकतवर होते हैं, क्योंकि जब हम खेलते थे तो कोच से ज्यादा पावरफुल थे।

गौरतलब है कि कुंबले ने विराट कोहली से मनमुटाव के बाद मुख्य कोच के पद से इस्तीफा दे दिया था। रिपोर्ट्स आई थीं कि कोहली ने बोर्ड से कहा था कि खिलाड़ी कुंबले के तानाशाही रवैये के कारण असहज महसूस कर रहे हैं। इंग्लैंड में जून में हुई आईसीसी चैम्पियंस ट्रॉफी के फाइनल में पाकिस्तान से मिली करारी हार के दो दिन बाद कुंबले ने कोच पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद बीसीसीआई ने सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली और वीवीएस लक्ष्मण की अगुआई वाली मुख्य सलाहकार समिति (सीएसी) को नया कोच ढूंढने की जिम्मेदारी सौंपी थी। इसके बाद वीरेंद्र सहवाग, टॉम मूडी, लालचंद राजपूत व कई अन्य कोचों ने आवेदन दिया था। लेकिन अंत में विराट कोहली की ही चली और रवि शास्त्री को मुख्य कोच बना दिया गया था। शास्त्री पहले भी बतौर टीम डायरेक्टर टीम से जुड़े रहे हैं।

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