अन्ना हजारे एक बार फिर राम लीला मैदान में अनिश्चतकालीन भूख हड़ताल पर, तिरंगा लहराकर शुरू किया आंदोलन

सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे एक बार फिर शुक्रवार (23 मार्च) से केन्द्र के खिलाफ अनिश्चतकालीन भूख हड़ताल पर हैं। इससे पहले उन्होंने सात साल पहले भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन किया था जिसमें लाखों की संख्या में भारतीय शामिल हुए थे और तत्कालीन यूपीए सरकार को हिला कर रख दिया था। इस बार भी वह ऐतिहासिक राम लीला मैदान से ही केंद्र सरकार के खिलाफ बिगुल फूक रहे हैं।

2011 में भ्रष्टाचार की जांच के लिए लोकपाल के गठन की मांग को लेकर वह इसी मैदान में भूख हड़ताल पर बैठे थे। हालांकि इस बार वह संभावित तौर पर नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली भाजपा सरकार पर निशाना साध रह हैं। हजारे स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू करने के अलावा केन्द्र में लोकपाल और राज्यों में लोकायुक्तों की नियुक्ति की मांग को लेकर दवाब बना रहे हैं। स्वामीनाथन आयोग में कृषि संकट को हल करने का समाधान दिया गया है।

 

इससे पहले अन्ना हजारे ने केन्द्र सरकार पर कानून होने के बावजूद भ्रष्टाचार के मामलों की जांच के लिए लोकपाल की नियुक्ति नहीं करने को लेकर निशाना साधा था। हजारे के एक सहयोगी ने गुरुवार (22 मार्च) को बताया था कि 23 मार्च के दिन का चुनाव ब्रिटिश शासन द्वारा भगत सिंह, राजगुरू और सुखदेव को फांसी दिए जाने के कारण किया गया। दिल्ली यातायात पुलिस ने यात्रियों को अरूणा असफ अली रोड, दिल्ली गेट, दरियागंज, नयी दिल्ली रेलवे स्टेशन, अजमेरी गेट, पहाड़गंज, आईटीओ, राजघाट, मिंटो रोड, विवेकानंद मार्ग और जेएलएन मार्ग से बच कर निकलने की सलाह दी है।

अन्ना ने मीडिया बात करते हुए सरकार पर यह भी आरोप लगाया कि भूख हड़ताल में कार्यकर्ता न पहुंच सकें, इसलिए ट्रेन रद्द कर दी गई। अन्ना ने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा- ”आपने (सरकार ने) प्रदर्शनकारियों को दिल्ली ले जा रहीं ट्रेनें रद्द कर दीं, आप उन्हें हिसा के लिए उकसाना चाहते हैं। मेरे लिए भी पुलिस लगाई गई। मैं कई पत्रों में लिख चुका हूं कि मुझे पुलिस सुरक्षा की जरूरत नहीं हैं। आपकी सुरक्षा मुझे नहीं बचा पाएगी। सरकार का यह धूर्त रवैया है काम नहीं करेगा।”
अन्ना ने रामलीला मैदान पहुंचने से पहले सुबह के वक्त राजघाट स्थित महात्मा गांधी की समाधि स्थल का रुख किया और बापू को नमन किया। वहां से अन्‍ना सीधे रामलीला मैदान पहुंचे, जहां उनके हजारों समर्थक मौजूद थे। अन्ना ने हजारों समर्थकों की मौजदूगी में मंच से तिरंगा लहराकर अनशन की शुरुआत की। खबरें ये भी हैं कि अन्ना के साथा सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज और कर्नाटक के पूर्व लोकायुक्त एन संतोष हेगड़े आंदोलन में शामिल होने पहुंचे हैं।

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