एक और दशरथ मांझी जिसने 70 साल की उम्र में सिंचाई के लिए चट्टानें काटकर गांव पहुंचाया नहर का पानी
बिहार के दशरथ मांझी ने 22 वर्षों तक पहाड़ काटकर मीलों की दूरी कुछ किलोमीटर में समेट दी थी। उनके जीवन पर फिल्म भी बनी है। अब इसी से मिलती-जुलती दृढ़ निश्चय, संघर्ष और परिश्रम की एक और कहानी सामने आई है। ओडिशा में एक 70 वर्षीय बुजुर्ग ने परिवार वालों संग करीब तीन वर्षों तक चट्टानें काटकर करीब एक किलोमीटर लंबी नहर बना दी, जिससे अब गांव के खेतों को सिंचाई के लिए भरपूर पानी मिल जाता है। टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक 70 वर्षीय दैतारी नाइक ओडिशा के केउंझर जिले के बंसपाल ब्लॉक में लगने वाले बैतरणी गांव के हैं। इलाका आदिवासी बहुल है। दैतारी नाइक के करीबियों ने मीडिया को बताया कि इलाके के जंगलों और पहाड़ों से घिरे होने के कारण गांववाले बारिश के पानी पर ही निर्भर थे। इस कारण खेती के लिए पर्याप्त सिंचाई का पानी मयस्सर नहीं था। पीने के पानी का भी संकट बना रहता था। प्रशासन से इस ओर कोई मदद आती न देख गांव तक नहर पहुंचाने की ठानी। तीन साल तक पत्थर तोड़ने और नहर बनाने का काम चला, आखिर नें मेहनत रंग लाई। मौजूदा वक्त नें नहर के जरिये खेतों को सिंचाई के लिए पानी मिलने लगा है।
दैतारी नाइक ने मीडिया से कहा, ”हम वन्य क्षेत्र में रहते हैं और आजीवका के लिए हमें खेती पर निर्भर रहना पड़ता है। सिंचाई सुविधाओं की कमी के कारण हम ठीक से खेती नहीं कर सकते थे। इसलिए हमनें पानी को नीचे लाने के लिए परिवार के लोगों के साथ मिलकर वर्षों तक चट्टानों और झाड़ियों को हटाने के लिए काम किया।” दैतारी नाइक के भाई मायंधर नाइक ने बताया, ”पहाड़ी इलाके में पानी की कमी विकट है, इसलिए हमने खेती के लिए पानी के प्रवाह को सुनिश्चित करने के लिए काम शुरू किया। अब हम खुश हैं कि ठीक से खेती कर सकते हैं।”
बैतरणी के अलावा इलाके के तेलकोई और हरिचंदनपुर में भी लोगों को सिंचाई के लिए बारिश के पानी पर ही निर्भर रहना पड़ता है। लोग पीने के लिए ज्यादतर तालाबों और चट्टानों से बहने वाले गंदे पानी पर निर्भर रहते हैं। इलाके में बनाए गए कई चेक डैम सूख चुके हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक कोएंझर डिवीजन में लघु सिंचाई के कार्यकारी अभियंता सुधाकर बेहरा ने कहा, ”शख्स ने कर्नाटक नल्ला से सिंचाई हेतु पानी लाने के लिए नहर खोदी। हम गांव का दौरा करेंगे और सिंचाई हेतु पानी की व्यवस्था के लिए आवश्यक कदम उठाएंगे।”