Anti Naxal Encounter: बीजापुर-कर्रेगुट्टा में 24 दिनों तक चला मुठभेड़, एक करोड़ 72 लाख रुपये के इनामी 31 नक्सली हुए ढेर

छ्त्तीसगढ़-तेलंगाना बॉर्डर के कर्रेगुट्टा के पहाड़ पर 24 दिनों तक चले ऑपरेशन में फोर्स ने 31 नक्सलियों को मार गिराया है. इनमें से 28 नक्सलियों की पहचान हो गई है. इनमें 16 महिला नक्सली और 15 पुरुष नक्सली शामिल हैं. सभी नक्सलियों की डेड बॉडी रिकवर कर ली गई है. ऑपरेशन से सारे जवान लौट आए हैं. हालांकि, इस ऑपरेशन में 18 जवान भी घायल हो गए. इस साल अब तक 197 नक्सलियों को ढेर किया, जबकि इस वर्ष अब तक 718 नक्सलियों ने सरेंडर कर चुके हैं. उन्होंने बताया कि 45 डिग्री गर्मी में जवानों ने इस ऑपरेशन को अंजाम दिया.
मुठभेड़ स्थल दुर्गम पहाड़ी इलाकों में स्थित है, जिससे सुरक्षा बलों के लिए स्थिति और भी चुनौतीपूर्ण बनी हुई है. सुरक्षाबल और अधिकारी पूरे घटनाक्रम पर नजर रखे हुए हैं. अधिकारियों की मानें, तो यह अभियान बस्तर क्षेत्र में शुरू की गई सबसे बड़ी नक्सल विरोधी कार्रवाई में से एक है. कर्रेगुट्टा में चले बीस दिन के बड़े ऑपरेशन पर DG CRPF ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह ने ये जानकारी दी.
एनकाउनटर में 18 जवान भी हुए घायल
कर्रेगुट्टा में 25 दिनों तक चले अब तक के सबसे बड़े नक्सल विरोधी आपरेशन पर DG CRPF ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह ने बुधवार को इस संबंध में पूरी जानकारी साझा की. उन्होंने बताया कि ये कोई आसान ऑपरेशन नहीं था. बहुत ही दुर्गम और पहाड़ी व जंगलों से घिरे इलाके में बहुत ही विषम परिस्थितियों में ऑपरेशन का अंजाम दिया गया. इस दौरान सुरक्षाबलों के जवानों को चौपर से लाया और ले जाया गया. उन्होंने बताया कि इस मुठभेड़ में कुल 31 नक्सली मारे गए. उन्होंने बताया कि इस दौरान 18 जवान भी एनकाउंटर में घायल हो गए थे. हालांकि, सभी जवान खतरे से बाहर है. उन्होंने बताया कि सभी घायल जवानों को हेलीकॉप्टर से निकाल कर इलाज के अस्पतालों में भर्ती कराया गया है.
अभियान के दौरान मिली ये सफलता
इस अभियान के लिए बाकायदा एयर एम्बुलेंस की व्यवस्था भी की गई थी. ऑपरेशन के बाद बारीकी से सर्च करने पर हथियार बनाने की चार फैक्ट्री बरामद की गई.
31 में 28 की शिनाख्त हुई है. इनपर एक करोड़ 72 लाख का इनाम है. इसके अलावा, 214 माओवादी ठिकानों और बंकरों को ध्वस्त किया गया. 12 हजार किलोग्राम खाद्य सामग्री बरामद की गई है.
सुरक्षाबलों का चला संयुक्त ऑपरेशन
इस अभियान में जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी), बस्तर फाइटर्स, विशेष कार्य बल (एसटीएफ), राज्य पुलिस की सभी इकाइयों, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) और इसकी विशिष्ट इकाई कोबरा सहित विभिन्न इकाइयों के लगभग 10 हजार जवान शामिल थे. अधिकारियों ने बताया कि तेलंगाना पुलिस भी इस अभियान में सहायक भूमिका में थी.
बघेल ने जबरन गिरफ्तारी व फर्जी मुठभेड़ का लगाया आरोप
नक्सलियों के खिलाफ मुठभेड़ के बीच छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अपने एक दिवसीय दौरे पर कांकेर पहुंचे. यहां उन्होंने नक्सल मुठभेड़ में मारे गए और गिरफ्तार किए गए लोगों के परिजनों से मुलाकात की. इस दौरान मीडिया से चर्चा करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री ने नक्सल ऑपरेशन को लेकर सुरक्षा बलों पर गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने आरोप लगाया कि कांकेर पुलिस अंदरूनी इलाकों के ग्रामीणों को जबरन गिरफ्तार कर रही है. उन्होंने बीते वर्ष 3 ग्रामीणों को फर्जी मुठभेड़ में मारने का आरोप भी लगाया. साथ मुख्यमंत्री विष्णुदेव के शासन में आदिवासियों पर पुलिस द्वारा अत्याचार करने की बात कही है.